माई के चरनिया में देवता निवास करे
अँचरा में सिरी भगवान
कोंखिया में बसे जगदम्बा भवानी
की जग के करस कल्यान
डेगा डेगी देत खानी डेग डगमगात रहे
अंगूरी धराके कइलु पार
ए माई केहू ना बाटे एह दुनिया में
माई जस करे कबो प्यार
तोहरा अँचरा के छाँह में जुड़इनी ए माई
तोहरा गोदिया में अति सुख पइनी ए माई
काँच रहे जब नार दिहलु अमरित के धार
करत रहु दिन रात माई हमरे सिंगार
तोहरे धड़कन से दिल धड़कइनी ए माई ।
तोहरा गोदिया में अति सुख पइनी ए माई ।।
बनल रहत रहलु ढाल ताकि चमके हमरो भाल
जबे धइलु सिर पो हाथ तबे कइनी हम कमाल
चाल जिनिगी में सुनर हम बनइनी ए माई ।
तोहरा गोदिया में अति सुख पइनी ए माई ।।
चारू बनल बा चरित्तर तोहार सिखावल ह पवित्तर
पाई पाई मोर कमाई बा पसीनवा के इत्तर
भीतर बाहर एके लेखा हम बनइनी ए माई ।
तोहरा गोदिया में अति सुख पइनी ए माई ।।
@विबेक पाण्डेय
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