ओ चित्रकार! जीवन की चित्र तुने है बनाई
दिल बनाया पर धड़कन न दिखा पाईं ;
आंसू बनाया पर दर्द न दिखा पाई
प्यार दिखाया पर शिद्द्त न दिखा पाई ;
इंसान बनाया पर उसकी हैवानियत न दिखा पाई
जानवर बनाया पर उसकी मासूमियत न दिखा पाई;
फिर भी जीवन के चित्र तुने ही तो बनाई
इस बेरंग ज़िंदगी में कुछ नये रंग तुने ही दिखाई
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