तुमसे बात करना एक #आदत बन गई थी,
तुमपे शायरी बनाना भी एक आदत बन गई थी।
जबसे तुमने बातें बंद कर दी,
तब से बेचैन था मैं।
अब शायद फिर तुम्हारे साथ तुमसे जुड़ी
आदतों का सुकून वापस लौट आ जाए।
क्या पता,
शायद मुझे मेरे जीने का मतलब मिल जाए।
#boat
जो मिला ही नहीं उसे छोडूं कैसे...
जो चाहता ही नही उससे रिश्ता जोडूं कैसे...
हां मैं अंधेरों में रोशनी के पीछे भागने वाला,
उजालों में सूरज के पीछे कैसे दौडू कैसे...
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