तुमसे बात करना एक #आदत बन गई थी,
तुमपे शायरी बनाना भी एक आदत बन गई थी।
जबसे तुमने बातें बंद कर दी,
तब से बेचैन था मैं।
अब शायद फिर तुम्हारे साथ तुमसे जुड़ी
आदतों का सुकून वापस लौट आ जाए।
क्या पता,
शायद मुझे मेरे जीने का मतलब मिल जाए।
#tereliye
उसकी तस्वीर देख शायरी लिखने वाला मैं,
अब उसे देख आंखे नम करने लगा हूं।
कभी बेमतलब बात पर भी खुश होने वाला मैं,
अब खुशियों के पलों में भी गुमसुम रहने लगा हूं।
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