Autumn प्रेम
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सुना है प्रेम का महिना है,
तो हमें भी तो है किसी से अत्यंत अनंत प्रेम,
प्रेम..कहनें को तो एक शब्द मात्र है,
लेकिन कितनी पवित्रता है इसमें ,
प्रेम मुझे है, उस प्रकृति से जो मेरे समक्ष है,
कभी लगता है ये पेड़ - पौधे मुझे प्रेम सिखा रहे हैं,
कि हंसना कैसे है आगे बढ़ना कैसे है,
कहते हैं, ये कभी मुझसे बैठ संजना तूं हमारी छांव में,
ले उन सभी रसों का आनंद,
जो हमारे पुष्पों में है, महसूस कर उस महक को
जो तेरे ह्रदय में है,
इस पवित्र प्रेम की मैं आदि हूं,
बस प्रकृति प्रेमी हूं...🌿🌴🌸
मुझे है प्रेम उस केसरिया रंग से,
उस सफेदी से जहां मैं इंगित कर सकती हूं अपना प्रेम,
वो हरियाली जो सभी के आंगन में खुशियां भर देती है,🇮🇳
प्रेम..हा हमें है प्रेम उस धरा - गगन से
जो अंतहीन और अनन्य है,
हां हमें भी मोहब्बत है ख़ुद से...💞
©Sanjana Hada
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