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मत उलझ मुझसे मुझमें ही उलझा रह जाएगा आग हूं ,दूर रह कही का न रह पाएगा।।
jaanitera.blogspot.com
मेरी रूह को इश्क़ चाहिए यानी की जान..तू चाहिए❤️ #श्वेता jaani ©श्वेता jaani
jaani
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जब दिल भारी होता है उंगलियां खुद ब खुद कप कपाती है पास में रखे उस कलम की और अपने आप खींची चली जाती है कागज को धीरे से अपने पास बुलाती हैं दिल का सारा दर्द वो लिखवा डालती है कब शायरी बन जाए या ग़ज़ल बन जाए कब बन जाए एक नज़्म या एक छोटा सा हर्फ जो मेरे दिल को सुकून दे जाए वो कलम की ओर खींची चली जाती है कलम, कागज, दिल ,रूह मानो उंगलियों में समा जाती है मेरे अंदर के लेखक को खुद जगा जाति है मेरे दिल का हाल मेरी जुबानी लिखवाती है। ©श्वेता jaani
13 Love
तुझसे मिलने को बेताब हूं दिन काटती जैसे एक एक साल हूं तुम मिल जाओ बस यही दुआ करती दिन रात हूं ©श्वेता jaani
12 Love
तेरी मोहब्बत में अपना हर एक असूल तोड़ रही हूं,, तूने तो खूब मुझे तोड़ा!!! मगर देख ..... आज भी अपना नाम तेरे संग ही जोड़ रही हूं,,,
उसके रुखसार पर वो गहरा तिल जिस पर आया मेरा दिल तिखी आवाज और नज़रें कातिल उफ़... न जाने कब बनायेगा रब उसकी नज़रो में मुझे काबिल......
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