मैं कोई मशहूर शायर नही मगर जो भी लिखता हूँ दिल की गहराई से लिखता हूँ , मेरे लिए जरूरी नही कि सब मुझे चाहे मगर हा ये बात सही है कि मै सबको चाहता हूँ, प्रेम की चाहत हो या दर्द भरी आहे कुछ अश्को से लिखी कविताये है कुछ सुनहरी यादो की परछाई ,मैं बुरा आदमी नही हु फिर भी सबने अपनी सोच से मेरी छवि बनाई , एक दिन जब चला जाऊंगा ना सच कहता हूं बुरा हु या भला बहुत याद आऊंगा ,बस एक चाहत मेरी आखरी होगी मेरे ज़नाज़े में भीड़ कम ना हो और सब मुस्कुराने चाहिए बस किसी की आँख नम ना हो।
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