Ankit Yaduvanshi

Ankit Yaduvanshi

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अब बैठ शांत शोर मत कर इश्क़ छोड़ अब कुछ और कर, यूँ रोना, उदास होना हँसकर गम छिपाना और सोना, मेरी जान मोहब्बत है या कोई जादू-टोना !.. चल हुआ जो सो हो गया वो तेरा था ही नहीं जो खो गया, बंद कमरे में क्यों सिसकियाँ भरता है हर पल तू क्या तड़पकर मरता है ? जब होनी हो गई तो किस बात का रोना-धोना, मेरी जान मोहब्बत है या कोई जादू-टोना !.. ©Ankit Yaduvanshi

#कविता #hindiquotes #hindipoetry  अब बैठ शांत शोर मत कर
इश्क़ छोड़ अब कुछ और कर,
यूँ रोना, उदास होना
हँसकर गम छिपाना और सोना,
मेरी जान मोहब्बत है या कोई जादू-टोना !.. 

चल हुआ जो सो हो गया
वो तेरा था ही नहीं जो खो गया,
बंद कमरे में क्यों सिसकियाँ भरता है
हर पल तू क्या तड़पकर मरता है ?
जब होनी हो गई तो किस बात का रोना-धोना,
मेरी जान मोहब्बत है या कोई जादू-टोना !..

©Ankit Yaduvanshi
#शायरी #arunrndrakumar #Arunendra7 #ekkhwaab #ashivir7

बंद कमरे में पड़ी शहर की ज़िन्दगी भाग - दौड़ से भरी शहर की ज़िन्दगी, वक़्त के पाबंद में पड़ी शहर की ज़िन्दगी अपनों के साथ होकर भी अपनों से दूर खड़ी शहर की ज़िन्दगी !.. सुकून और शांति से भरा गाँव मेरा वो चाचा, चाची के प्यार से लेकर हरा - भरा खलियान मेरा, बेशक सुविधा के लिए जाना पड़ता है शहर छोड़कर परिवार मेरा दिल जीत लेता है हर शख्स का वक्त और व्यवहार मेरा, हर ओहदे में शहर से लाख गुना बेहतर व बड़ा गाँव मेरा !.. "आई मुसीबत ज़िन्दगी पर जब साँसों पर घटा छाई, जो वर्षों तक पड़े रहे शहर में उन्हें भी देर से ही लेकिन पहले 'गाँव' की याद आई !..." ❤😊 ©Ankit Yaduvanshi

#कविता #Arunendra7 #ekkhwaab #village  बंद कमरे में पड़ी शहर की ज़िन्दगी 
भाग - दौड़ से भरी शहर की ज़िन्दगी, 
वक़्त के पाबंद में पड़ी शहर की ज़िन्दगी 
अपनों के साथ होकर भी अपनों से दूर खड़ी शहर की ज़िन्दगी !..

सुकून और शांति से भरा गाँव मेरा
वो चाचा, चाची के प्यार से लेकर हरा - भरा खलियान मेरा,
बेशक सुविधा के लिए जाना पड़ता है शहर छोड़कर परिवार मेरा 
दिल जीत लेता है हर शख्स का वक्त और व्यवहार मेरा,
हर ओहदे में शहर से लाख गुना बेहतर व बड़ा गाँव मेरा !..


"आई मुसीबत ज़िन्दगी पर 
जब साँसों पर घटा छाई,
जो वर्षों तक पड़े रहे शहर में 
उन्हें भी देर से ही लेकिन पहले 'गाँव' की याद आई !..." ❤😊

©Ankit Yaduvanshi

एक - दूसरे के बिन तरस जाते थे प्यार में गुस्से से बरस जाते थे, बहुत चाहत थी दोनों में फिर भी साथ छूट गया समाज के चलते एक और मोहब्ब़त का रिश्ता टूट गया !.. आ गई जात - पात की बात छोड़ना पड़ा समझदारी से मोहब्ब़त का साथ, माँ - बाप की इज्ज़त के ख्याल से पीछे हटना पड़ा रह नहीं पाते थे जो एक - दूसरे के बिन अब उन्हें भी बँटना पड़ा, पकड़ना था जो उम्र भर के लिए हाथ वो जल्द ही छूट गया समाज के चलते एक और मोहब्ब़त का रिश्ता टूट गया !.. ©Ankit Yaduvanshi

#शायरी  एक - दूसरे के बिन तरस जाते थे
प्यार में गुस्से से बरस जाते थे,
बहुत चाहत थी दोनों में
फिर भी साथ छूट गया 
समाज के चलते एक और मोहब्ब़त का रिश्ता टूट गया !..

आ गई जात - पात की बात
छोड़ना पड़ा समझदारी से मोहब्ब़त का साथ,
माँ - बाप की इज्ज़त के ख्याल से पीछे हटना पड़ा
रह नहीं पाते थे जो एक - दूसरे के बिन अब उन्हें भी बँटना पड़ा,
पकड़ना था जो उम्र भर के लिए हाथ वो जल्द ही छूट गया 
समाज के चलते एक और मोहब्ब़त का रिश्ता टूट गया !..

©Ankit Yaduvanshi

एक - दूसरे के बिन तरस जाते थे प्यार में गुस्से से बरस जाते थे, बहुत चाहत थी दोनों में फिर भी साथ छूट गया समाज के चलते एक और मोहब्ब़त का रिश्ता टूट गया !.. आ गई जात - पात की बात छोड़ना पड़ा समझदारी से मोहब्ब़त का साथ, माँ - बाप की इज्ज़त के ख्याल से पीछे हटना पड़ा रह नहीं पाते थे जो एक - दूसरे के बिन अब उन्हें भी बँटना पड़ा, पकड़ना था जो उम्र भर के लिए हाथ वो जल्द ही छूट गया समाज के चलते एक और मोहब्ब़त का रिश्ता टूट गया !.. ©Ankit Yaduvanshi

5 Love

दूर हो गए हम माना लेकिन इतने भी दूर नहीं हुए जाना, हक़ सारे हक़ से जताना बातें इश्क़ की सदा बताना, जो मोहब्बत है अभी भी उसे निभा देना, जब भी मिलना आप सीने से मुझे लगा लेना !... बैठना पास मेरे पूछ लेना सारे दर्द पढ़कर आँखें मेरी जान लेना मर्ज, मत चूमना जैसे पहले चूमा करती थी लेकिन हाँ लड़ लेना मुझसे जैसे पहले भी लड़ती थी, भूलना है सब इस बात को ही भूला देना, जब भी मिलना आप सीने से मुझे लगा लेना !.. ©Ankit Yaduvanshi

#Arunendrakumar #Arunendra7 #ekkhwaab #ashivir7 #erotica  दूर हो गए हम माना 
लेकिन इतने भी दूर नहीं हुए जाना,
हक़ सारे हक़ से जताना
बातें इश्क़ की सदा बताना, 
जो मोहब्बत है अभी भी उसे निभा देना,
जब भी मिलना आप सीने से मुझे लगा लेना !...

बैठना पास मेरे पूछ लेना सारे दर्द 
पढ़कर आँखें मेरी जान लेना मर्ज, 
मत चूमना जैसे पहले चूमा करती थी
लेकिन हाँ लड़ लेना मुझसे जैसे पहले भी लड़ती थी,
भूलना है सब इस बात को ही भूला देना, 
जब भी मिलना आप सीने से मुझे लगा लेना !..

©Ankit Yaduvanshi

बिछड़ गए हम हाँ जानता हूँ हम एक हैं पर एक नहीं हो सकते मानता हूँ, अधूरे ख़्वाब रह गए अधूरी हमारी कहानी है, समाज का कायदा- कानून हमारी परेशानी है !.. जात-पात, धर्म देखता है मोहब्ब़त में भी ये ज़माना सियासत की रोटियाँ सेंकता है, कई किस्से समाज के डर से ठहर जाते हैं कुछ आशिक़ तो साहब मर जाते है, हम से ही हमारी मोहब्ब़त को हानि है, समाज का कायदा - कानून हमारी परेशानी है !.. ©Ankit Yaduvanshi

#कविता #Arunendrakumar #ekkhwaab #ashivir7 #takliya  बिछड़ गए हम हाँ जानता हूँ
हम एक हैं पर एक नहीं हो सकते मानता हूँ,
अधूरे ख़्वाब रह गए अधूरी हमारी कहानी है,
समाज का कायदा- कानून हमारी परेशानी है !..


जात-पात, धर्म देखता है
मोहब्ब़त में भी ये ज़माना सियासत की रोटियाँ सेंकता है,
कई किस्से समाज के डर से ठहर जाते हैं
कुछ आशिक़ तो साहब मर जाते है,
हम से ही हमारी मोहब्ब़त को हानि है, 
समाज का कायदा - कानून हमारी परेशानी है !..

©Ankit Yaduvanshi
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