दूर हो गए हम माना
लेकिन इतने भी दूर नहीं हुए जाना,
हक़ सारे हक़ से जताना
बातें इश्क़ की सदा बताना,
जो मोहब्बत है अभी भी उसे निभा देना,
जब भी मिलना आप सीने से मुझे लगा लेना !...
बैठना पास मेरे पूछ लेना सारे दर्द
पढ़कर आँखें मेरी जान लेना मर्ज,
मत चूमना जैसे पहले चूमा करती थी
लेकिन हाँ लड़ लेना मुझसे जैसे पहले भी लड़ती थी,
भूलना है सब इस बात को ही भूला देना,
जब भी मिलना आप सीने से मुझे लगा लेना !..
©Ankit Yaduvanshi
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