#whycensored मैंने भूख पर पढ़ी एक कविता
अपनी ही लिखी हुई
अमीरों ने सुनकर वाह-वाही की
मध्यम वर्ग को कविता उसके करीब की लगी
गरीब ने कहा यह मेरी कहानी है
यही कविता मैंने एक भूखे को सुनाई है
उसने कहा है तुम्हारी कविता में जहर नही है
इसमे जहर मिलाओ
मिल जाये तुमको सूरज तो क्या करोगे
देखोगे उसकी रौशनी या
उसमे कूद पड़ोगे
मिल जाएं तुमको तारें तो क्या करोगे
देखोगे अचम्भित होकर या
पकड़ के झूल पड़ोगे
मिल जाये तुमको चंदा तो क्या करोगे
देखोगे जी भर के या
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