अब तो यू ही गुजर जाती है ,,,
मेरी हर रात,,,
एक आस मे की,आज तो,,,
होगी ही उनसे बात,,,
पर वो मशगूल है,,
अपनी दुनिया मे बहुत, ,,
वक्त नहीं है उनके पास,,
दो बाते करने को,,,
ये उम्र, ये सांसे,, खत्म हो जाये
तुम बिन,,,
और क्या कहना,,,
बस एक गुजारिश है,,, साहिबा,,
तुमसे,,,
अगले जन्म मे ,,बस मेरा ,,
मेरा ही रहना,,
©manbodh sahu
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