Sunita Sharma

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#शायरी #outoflove

#outoflove शायरी लव हिंदी शायरी शायरी हिंदी में 'दर्द भरी शायरी'

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 टूटना  टूटना भी कितना सुंदर
देखो तो सही टूट कर..!

बादल से टूट बूंदे-बारिश
रोती-मुस्कुराती धरती पर
इठलाती, कहीं सीप-मोती बन
तो वहीं समुद्र से हो एकाकार
मिल बादलों से, पाती नव जीवन..!

पेड़ों से टूटते पत्ते, ले नव वर्ण
पीले हो कर भी कहीं बिखर
चरमराते हुए, करते नाज़ किस्मत पर
सरसराते-मरमराते-खड़खड़ाते जब 
मिट्टी में मिल,वृक्षों से ही वे जाते लिपट ..!

समुद्र की लहरें टूट टूट कर
सिखाती ..हो ऐसी चाहत
चाहो किसी को ऐसा टूट कर
जुड़ जाना टूट.. टूट कर
टूटना, फ़िर जुड़ना,जुड़- जुड़ कर 
हो टूटना,जुड़ना, हो ऐसी चाह, टूट कर..!



 
रात में करते तारे टिम टिम
होते झिलमिल-झिलमिल
पूरी करने औरों क़ी चाहत
तय करते अनवरत सफर 
आसमां से टूट कर धरती तक..!

टूटना भी कितना सुंदर
देखो तो सही टूट कर..!

माना जिंदगी का रुख कठोर
पर इसकी परेशानियों से क्यों खौफ..!
टूटे- ख्वाब टूटे-अरमान..
टूटा-दिल नैनों से टूटते अश्क
कर देते तन- मन-निश्छल-निर्मल..!

होती खुद से खुद की ही पहचान..!
शून्य में जुड़ते कुछ नव अंक..!

निखरना है तो टूट-टूट कर बिखर..
टूट कर खुद क़ी नई पहचान कर
शिदत से सींच, दिले बीज जमीन पर, 
खिलें .. अनगिनत नव अंकुर फ़िर..!
खिलें .. अनगिनत नव अंकुर फ़िर..!

#poetryunplugged #सुनीता के दिल से # टूटना # निखरना #love quots

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 चली आती है क्यूँ तू  लहरों की तरह चैन नहीं तुझे 
सपन -पँख लगा बह कर यूँ 
यादों की गठरी सी बंध क्यूँ
खुद को शांत गंभीर कर ज्यूँ 
अपने में ही समेटने क्यूँ
चली आती मुझमें ही तू ..?

मैंने भी बस हँस कर कहा यूँ..

समुद्र बिलखने की तुम्हारे ज्यूँ
आवाज आती है मुझे यूँ 
हजारों मीलों तक फैला मैं हूं 
बह नहीं सकता फ़िर भी क्यूँ ..?

मेरा इश्क ऐसा क्यूँ
इतना जल फ़िर भी प्यासा क्यूँ..
प्यास किसी की भी यूँ 
 अपने जल से बुझा न संकू
ऊपर से खामोश यूँ
अंदर इतने तूफान छुपाए हूं क्यूँ

यह तुम्हारी वेदना यूँ ..
तुम्हारी प्यास -प्रेम -पीड़ा-क्यूँ 
पौरुष-पीड़ा-पर-न -रुदन-यूँ
तुममें छिपा इतना दर्द - मैं-समझूं..!

इसीलिए तुम्हारे जख्मों को सहलाने यूँ 
तुमको मीठा करने आती मैं हूं
पर देख तुम्हारा अथाह दुःख क्यूँ
मै खुद भी तेरे जैसी हो जाती हूं..!

तुम्हारे इश्क में, मैं कहीं यूं
डूब कर जैसे उबर जाती हूं..

#HeartfeltMessage # तू #चली #आती #क्यूँ..? #समुद्र # नदी #पीड़ा

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#कविता #सहारा #भरोसा #आसमान #तलाश #जीने  सुनीता के दिल से
 आपके दिल तक  डॉ सुनीता शर्मा  खुद
 मेरे प्यारे फ्रेंड्स आपके लिए

©Sunita Sharma

# क्षणभंगुर # प्रेम

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#शायरी #तलब #Chhavi  तलब  यूँ तेरे वजूद की 
 रंगहीन हवा हो गई रंगीन
 जब रुहे इश्क
 खुशबू तेरी लाई..!!

 लगा जिस्म मैं तेरा
 रूह तू मेरी..!!

©Sunita Sharma
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