मैं टहल रहा था दोस्तो के साथ और ठंडी हवा चल रही थी,
दोस्त रुक गए पेड़ के पास में आगे चलता जा रहा था,
बादलो से बूंदा बांदी हो रही थी,
मैं भीग रहा था आंखे बरस रही थी,
दोस्त भी थे हैरान आखिर रब क्यो मुझपर मेहरबान थे।
दोस्त ठंडी हवा में सिगरेट जला कर धुंआ उड़ा रहे थे,
दोस्तो ने पूछा साहब तुम भी सिगरेट जला लो,
मेने कहा जिनका दिल जल रहा हो वो लोग सिगरेट नही जलाते।
दोस्तों ने पूछा वो कौन है,
मेने पर्स से उसकी तस्वीर दिखा दी,
जब कोई पूछता है उसके बारे में ,
तो मैं उसका जिक्र नही करता,
सीधे उसकि तस्वीर दिखा देता हूं।
मेरे दोस्त उसके बारे में सब बताते हैं,
उसे कहा मालूम है जिन पंछियो से वो छत पर बाते करती है,
वो पंछी भी मेरे है।
अब मेरे दोस्त उस रास्ते पर चलने नही देते हैं,
मगर कोई पूछता है उसकी राह का पता तो में बता देता हूं,
आखिर उनको भी मालूम होना चाहिए , उन राहों पर क्यो नही जाना चाहिए,।
मेरे दोस्त बोलते हैं साहब आप कहानी , शायरी , गजले, कविता अधूरी ही क्यो लिखते हो,
जितना किरदार है उसका उतना में कहानी में लिख देता हूं,
अधूरे लोग अधूरी ही कहानी लिखते हैं,
अक्सर लोगो को अधूरी कहानी ही पसन्द आती है,
मेरी अधूरी कहानी को लोग पढ़कर अपनी कहानी के साथ पूरा कर देते हैं
©verma sahab
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