"खुद को इतना भी ना बचाया कर,
बारिशें हो तो भीग जाया कर "
"दर्द हीरा है, दर्द मोती है,
दर्द को आंखों से मत बहाया कर"
"काम ले कुछ हसीन होठों से,
बातों बातों में मुस्कुराया कर"
"चांद लाकर कोई नहीं देगा,
अपने चेहरे से जगमगाया कर "
" और धूप मायूस लौट जाया करती है,
छत पर कपड़े सुखाने आया कर "
" और कौन कहता है दिल लगाने को,
कम से कम नज़रें तो मिलाया कर"
©Amit Gautam
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