मैं अपनी कलम को स्वच्छन्द रखती हूँ , जो दिल में आता है वो सब लिखती हूँ , खूबसूरती में न सही विचारों में दम रखती हूँ , पसंद नापसंद खुद की रखती हूँ , पर ख़्वाहिशें थोड़ी कम रखती हूँ , भरोसेमंद हूँ इस बात पर घमण्ड रखती हूँ , व्यक्तित्व से स्वछन्द , पर दोस्त फिर भी चन्द रखती हूँ ।।
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