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Hey, this is Aryavrat Yadav. Thank you ♡♡♡♡
तुम हो कहीं न कहीं मेरे कल से जुड़ी इतना ही काफी है.. जी हुज़ूरी में हैं नज़रें मेरी आज भी आपके नैना नवाबी हैं तुम हो कहीं न कहीं मेरे कल से जुड़ी इतना ही काफी है.. ©The Frustrated Nagrik
The Frustrated Nagrik
11 Love
मेरे ख्वाबों का दायरा है जहां तक एक राह जाती है तेरे भी घर तक बाकी राहें दिखती हैं मुकम्मल कहीं-न-कहीं बस तेरे वास्ते हैं जो रास्ते, सूने रहेंगे कब तलख.. ©The Frustrated Nagrik
10 Love
खुद से ही थक चुके हैं हम कब तक ये नाराजी होगी मनाने को तो हाजिर ही नहीं हैं वो कब तक मुझसे ये दिखावे की नवाबी होगी खुद से ही थक चुके हैं हम कब तक ये नाराजी होगी अभी तो बुझ - बुझ कर जलता है दीया न जाने कब तक बाती में जान होगी... ©The Frustrated Nagrik
12 Love
सोचता हूं खुदा से कर लूं मोहब्बत शायद कुछ हौसला मिल जाए.. फिर मर के भी देख लेंगें शायद जीने की वजह मिल जाए... ©The Frustrated Nagrik
खुदगर्जी में गुमसुम यूं ही नहीं हैं किसी ने अपना माना कहां हैं.. इस रूठेपन की वजह पूछते हैं पर हमदर्दी की कोई वजह कहां है... ©The Frustrated Nagrik
13 Love
इक माशूका से शिद्दत ए इश्क किये जा रहें हैं मरहूम बनकर... परछाई से फिरे जा रहें हैं हालात हैं ऐसे न हो किसी के मरने से पहले ही... खुद की इद्दत किये जा रहें हैं.. ©The Frustrated Nagrik
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