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थोड़ा न समझ थोड़ा नादान हूँ मुझमे अभी है जिन्दा इंसानियत इसलिए तो में अभी इंसान हुँ
White वो कहते है न जब मुसाफ़िर राहों का हूं तो मंज़िल की परवाह क्या करना जब धूप झेल लिया तो अंधेरे से क्या डरना ©Baibhav Mishra
Baibhav Mishra
14 Love
White वो सिलसिले वो शौक नहीं रही वो शाम वो दोस्ती नहीं रही वो दौर वो सादगी नही रही वो बेपाकी नही रही वो निश्बत नही रही वो दिल नही रहा वो तबियत नही रही ©Baibhav Mishra
White सुकून भरी राहों का मज़ा अपना होता हैं अकेले निकल जाने का मजा अपना होता हैं बेनामी जिन्दगी का मज़ा अपना होता हैं राहों के मुसाफ़िर होने का मज़ा अपना होता हैं अंधेरे से निकल रोशनी का मज़ा अपना होता है हर पल में खुशी ढूढने का मजा अपना होता हैं छोड़ दुनियां दारी अपने में खो जाने का मजा अपना होता है कहीं आसमा के नीचे तो कही पेड़ो की छाव में बैठने का मज़ा अपना होता हैं रातों को तारो में खो जाने का मजा अपना होता है बेपरवा दुनिया से दूर चलो इस बेपरवाही का अपना मज़ा होता हैं ©Baibhav Mishra
16 Love
White तेरी बातों में खोया हूं तुम खोए रहने दो तेरे ख्वाबों में खोया हूं तुम खोए रहने दो बड़ी मुद्दत के बाद मिला है कोई अपना तुम हमे इस अपनेपन में खोए रहने दो ©Baibhav Mishra
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