ना समज़ था, तुझे समज़ ने के लिए
मैं अब तलक....
समज़ आई ज़ब, तू निकल चुकी थी
कहीं दूर तलक....।।
....By...:~ K.K.SIR....
MELODY MUSIC CLASSES
{ AMROLI~ SURAT }
( 1 ) ' ग़र तेरे ईंतज़ार में हम मर भी ज़ाएँ, तो तुझे क्या ऐतराज़ होगा...
यहाँ तो कफ़न में लिपटने वाला कोई नहीं, तो उठाने वाला कौन होगा ।
( 2 ) किन~किन की यादों में आँखों को नम
करें...यहाँ तो पल~पल के हादसे हैं,
किन~किन का ग़म करें...।
...by...ME...#k.K#
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