हे सरस्वती माँ
मुझे ज्ञान दो
मुझे थाम लो
करुणा के
कलावे बाँध दो,,,,,,,
कभी डरूँ नहीं
मैं थमूँ नहीं
रहूँ सजग
निर्णय करूँ सही,,,,,,,
परोपकार मेरा मित्र हो
स्वाभिमान मेरा चरित्र हो
सत्यता मेरी नींव हो
सकर्म ही इक लक्ष्य हो,,,,,,,
तुम पुकार दो
मुझे नाम दो
ममता की मुझको छाँव दो,,,,,,,,
हे सरस्वती माँ
मुझे ज्ञान दो
मुझे थाम लो
करुणा के कलावे
बाँध दो,,,,,,,,,,
पूजा मेहरा
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