किस रिश्ते में बांधू तुमको
किस रिश्ते में बांधू तुमको की उम्र भर यूं ही साथ रहो तुम
कैसे जज़्बातों की बातें समझाऊ तुमको
कैसे अपना बनाऊ अब तुमको
हज़ारो लाखों बार सोंचती हूं यहीं
किस रिश्ते में बांधू तुमको
चाहत तेरी बेपनाह है मोहब्बत तुझसे बेइंतहा है
फिर भी नसीब मेरा जाने क्यों तुझसे जुदा है
अभी तक समझ ना आया मुझे
पाकर तुझे पूरी तरह कैसे अलग होने से रोकू तुम्हें
ना मालूम मुझे तूम ही बता दो अब....
किस रिश्ते में बांधू तुमको ।
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