न जाने ये कैसा रिश्ता है उनसे, हर बार दूर जाकर भी पास आ जाते , सोचते है अबकी बार दूर हुए है तो कभी पास नहीं आएंगे.. पर फिर और सिद्दत से रिश्ते निभाते .. ये रूठना मनाना न जाने कब तक चलेगा- कुछ समझ नहीं आता, आखिर क्यू नहीं हमेसा के लिए वो मेरे और हम उनके बन जाते ..
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