Dr. Parwarish

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खुशी की तराजू पर तौला नियति, जिंदगी ने हंसी का तजुर्बा दिया।

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शून्य तक..

शून्य तक..

Wednesday, 16 October | 12:22 pm

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#लव

हे ईश्वर! इस जीवन के लिए आपका शुक्रिया🙏🙏!

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रात हो गई है का?? विक्रम को बुलाओ कोई....

रात हो गई है का?? विक्रम को बुलाओ कोई....

Friday, 11 October | 12:14 am

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White आदत से सिर्फ हवस जगती है, इश्क तो हमेशा इबादत ही रहा है। तुम कहते हो इश्क हुआ है? अजी सुना है ये तुम सिर्फ आदत ही रहा है। ©Dr. Parwarish

#शायरी  White आदत से सिर्फ  हवस जगती है,
इश्क  तो हमेशा इबादत ही रहा है।

तुम कहते हो इश्क हुआ है?
अजी सुना है ये तुम सिर्फ आदत ही रहा है।

©Dr. Parwarish

इश्क इबादत या आदत

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The Motion of Life

The Motion of Life

Tuesday, 1 October | 12:37 pm

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White सितारों की रोशनी, नहीं वैसी हसीं रही। मिट्टी की खुश्बू भी लगे, जमीं धंसी रही। जल रहा चिराग, हवा से रहा भयभीत, बिन तेल जली बाती कैसी बेबसी रही। मयकश का मजा लुटती रहीं है बोतलें, शुरुआत से भीतर जिनके मयकशी रही। हम तो तरस रहे हैं, किसी शाम जाम हो, अब शाम में कोहराम, कैसे बदनसी रही। तुम छू सको मुझे, तो हाथ देना अन्त में, मुझको छुआ है छूत ने, कुछ दोस्ती रही। लाखों पले जोअरमां, आज बुझ गए सभी, "दीपक" तुम्हारी जिंदगी, क्या जिंदगी रही। ©Dr. Parwarish

#कविता #sad_quotes  White सितारों की रोशनी, नहीं वैसी हसीं रही।
मिट्टी की खुश्बू भी लगे, जमीं धंसी रही।

जल रहा चिराग, हवा से रहा भयभीत,
बिन तेल जली बाती कैसी बेबसी रही।

मयकश  का  मजा  लुटती रहीं है बोतलें,
शुरुआत से भीतर जिनके मयकशी रही।

हम तो तरस रहे हैं, किसी शाम जाम हो,
अब शाम में कोहराम, कैसे बदनसी रही।

तुम छू सको मुझे, तो हाथ देना अन्त में,
मुझको छुआ है छूत ने, कुछ दोस्ती रही।

लाखों पले जोअरमां, आज बुझ गए सभी,
"दीपक" तुम्हारी जिंदगी, क्या जिंदगी रही।

©Dr. Parwarish

#sad_quotes हिंदी कविता

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