Choubey_Jii

Choubey_Jii Lives in Hyderabad, Telangana, India

मशहूर होने का नहीं, बस लिखने का शौक रखता हूँ।कभी उससे किया करता था अब लफ्जों से इश्क करता हूँ।

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"ये दुनिया" है अपने ही अहम् में, चलती ये दुनिया । भला कब हुई किसीकी, बदलती ये दुनिया ।। उड़ते हुए परिंदों को, गिराने पे अमादा । जवां हौसलों के परों को, कुचलती ये दुनिया ।। मोहब्बत का मुखौटा, चेहरे पे लगाए । फ़कत नफ़रत के शोले, उगलती ये दुनिया ।। कब कौन किसका, कोई नहीं "चौबे" । लाख चाहने पर भी नहीं, पिघलती ये दुनिया ।। #चौबेजी . ©Choubey_Jii

 "ये दुनिया"


है अपने ही अहम् में, चलती ये दुनिया ।
भला कब हुई किसीकी, बदलती ये दुनिया ।।

उड़ते हुए परिंदों को, गिराने पे अमादा ।
जवां हौसलों के परों को, कुचलती ये दुनिया ।।

मोहब्बत का मुखौटा, चेहरे पे लगाए ।
फ़कत नफ़रत के शोले, उगलती ये दुनिया ।।

कब कौन किसका, कोई नहीं "चौबे" ।
लाख चाहने पर भी नहीं, पिघलती ये दुनिया ।।



#चौबेजी













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©Choubey_Jii

#FindingOneself #चौबेजी #Shayar #शायरी #shayari #ghazal #poem #Life #nojohindi #viral

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Arz Kiya Hai

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Saturday, 29 October | 10:48 am

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यदि आपका दावा है कि आप किसी भगवान के भक्त हैं ईशु, महावीर या बौद्ध के अनुयायी या किसी खुदा के बाशिंदे हैं परंतु फिर भी गर आप में करुणा नहीं है, दया नहीं है पीर नहीं हैं, क्षमा नहीं है, प्रेम नहीं है तो क्षमा कीजिएगा मेरे विचार से आप मनुष्य ही नहीं हैं महज़ एक दरिंदे हैं और दरिंदे मनुष्य की श्रेणी में नहीं राक्षस की श्रेणी में आते हैं जिन्हें अमृत्व या वरदान तो मिलता है परंतु ईश्वरत्व का ज्ञान नहीं मिलता क्षणिक मान तो मिल जाता है किंतु शाश्वत सम्मान नहीं मिलता रावण को मिलती है हर वर्ष मौत कभी मोक्ष या उत्थान नहीं मिलता । #चौबेजी . ©Choubey_Jii

#नवरात्रि #चौबेजी #कविता #रावण #choubey_jii  यदि आपका दावा है
कि आप किसी भगवान के भक्त हैं
ईशु, महावीर या बौद्ध के अनुयायी
या किसी खुदा के बाशिंदे हैं
परंतु फिर भी गर आप में
करुणा नहीं है, दया नहीं है
पीर नहीं हैं, क्षमा नहीं है, प्रेम नहीं है
तो क्षमा कीजिएगा मेरे विचार से
आप मनुष्य ही नहीं हैं
महज़ एक दरिंदे हैं
और दरिंदे मनुष्य की श्रेणी में नहीं
राक्षस की श्रेणी में आते हैं
जिन्हें अमृत्व या वरदान तो मिलता है
परंतु ईश्वरत्व का ज्ञान नहीं मिलता
क्षणिक मान तो मिल जाता है
किंतु शाश्वत सम्मान नहीं मिलता
रावण को मिलती है हर वर्ष मौत
कभी मोक्ष या उत्थान नहीं मिलता ।

#चौबेजी








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©Choubey_Jii

मैंने निरा झूठ को, सच का लिबास पहना कर, बाज़ार में उतारा, और ज़ोर ज़ोर से, चिल्लाकर सच बतलाया, कि मैं झूठ बेच रहा हूं, लोगों ने मुझे देखा, सच का लिबास ओढ़े उस झूठ को देखा, और फिर खरीद लिया मुझसे, सच का लिबास ओढ़े उस झूठ को। क्योंकि इस दुनियां में सच का सच होना आवश्यक नहीं, सच का सच दिखना अधिक आवश्यक है। #चौबेजी ©Choubey_Jii

#चौबेजी #कविता #FindingOneself #nojohindi #poem  मैंने निरा झूठ को,
सच का लिबास पहना कर,
बाज़ार में उतारा,
और ज़ोर ज़ोर से,
चिल्लाकर सच बतलाया,
कि मैं झूठ बेच रहा हूं,

लोगों ने मुझे देखा,
सच का लिबास ओढ़े
उस झूठ को देखा,
और फिर खरीद लिया मुझसे,
सच का लिबास ओढ़े उस झूठ को।

क्योंकि इस दुनियां में
सच का सच होना आवश्यक नहीं,
सच का सच दिखना अधिक आवश्यक है।

#चौबेजी

©Choubey_Jii

इन खिलखिलाते पुष्पों मे छुपी हैं महकती कविताएँ जो महका सकती हैं दुर्गन्ध से भर चुके मन को वासनाओं से भरे हुए तन को व निराशाओं से भरे जीवन को अतः इन्हे तोडिये नहीं, बेरहमी से मरोड़िए नहीं, इन्हे यूं ही छोड़ दीजिए इनकी मधुरता चुराइए इनका अमृत रस निचोइये इनसे प्रेम क्षीर दुहोइये और शब्दों में पिरोईये फिर रच डालिए इन पुष्पों से मोहब्बत की महकती हुई कविताएं। #चौबेजी , ©Choubey_Jii

 इन खिलखिलाते पुष्पों मे
छुपी हैं महकती कविताएँ
जो महका सकती हैं
दुर्गन्ध से भर चुके मन को
वासनाओं से भरे हुए तन को
व निराशाओं से भरे जीवन को

अतः इन्हे तोडिये नहीं,
बेरहमी से मरोड़िए नहीं,
इन्हे यूं ही छोड़ दीजिए
इनकी मधुरता चुराइए
इनका अमृत रस निचोइये
इनसे प्रेम क्षीर दुहोइये
और शब्दों में पिरोईये
फिर रच डालिए इन पुष्पों से
मोहब्बत की महकती हुई कविताएं।


#चौबेजी






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©Choubey_Jii

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