शुभम द्विवेदी

शुभम द्विवेदी

  • Latest
  • Popular
  • Video

जीना क्या है? कल किसी दार्शनिक की भांति एक मित्र ने जिज्ञासा जाहिर की मैं असमंजस में पड़ गया क्या जवाब दूँ सहसा मेरे अंतर्मन से जवाब आया कि नफरतों की बाज़ार में मोहब्बत की दुकान हो कोई निर्धन या धनवान हो पूरे सभी के अरमान हों बूढा या जवान हो राजा या प्रजा हो सबका का अपना झोपडी या मकाँ हो। साक्षर हो या निरक्षर विरोधी हो या पक्षधर बराबर सम्मान हो ख़ुद पे न गुमान हो। अंत में मैंने कहा यही तो जिंदगी है अहा!अहा!अहा! वह बोला वाह!!! ©शुभम द्विवेदी

#rayofhopeजीना #कविता  जीना क्या है? कल किसी दार्शनिक की भांति 
एक मित्र ने जिज्ञासा जाहिर की 
मैं असमंजस में पड़ गया 
क्या जवाब दूँ 
सहसा मेरे अंतर्मन से जवाब आया कि 

नफरतों की बाज़ार में 
मोहब्बत की दुकान हो 
कोई निर्धन या धनवान हो 
पूरे सभी के अरमान हों

बूढा या जवान हो 
राजा या प्रजा हो 
सबका का अपना 
झोपडी या मकाँ हो।

साक्षर हो या निरक्षर 
विरोधी हो या पक्षधर 
 बराबर सम्मान हो 
 ख़ुद पे न गुमान हो।

अंत में मैंने कहा 
यही तो जिंदगी है 
अहा!अहा!अहा!
वह बोला वाह!!!

©शुभम द्विवेदी

#rayofhopeजीना क्या है

8 Love

यूँ तो संघर्ष अप्रिय लगते हैं पर मुझे बेहद प्रिय है संघर्ष करना तुम्हें मुस्कुराते हुए देखने के लिए। सैकड़ों की भीड़ में मैं तुम्हें खोज लेता हूँ इधर-उधर निगाहों के संघर्ष से। ठहठहाकों के बीच तुम्हारी मुस्कान माधुर्य और यौवन से परिपूर्ण सुकूँ देती है मेरे संघर्ष को। ©शुभम द्विवेदी

#लव  यूँ तो संघर्ष अप्रिय लगते हैं 
पर मुझे बेहद प्रिय है संघर्ष करना 
तुम्हें मुस्कुराते हुए देखने के लिए।

सैकड़ों की भीड़ में 
मैं तुम्हें खोज लेता हूँ 
इधर-उधर निगाहों के संघर्ष से।

ठहठहाकों के बीच तुम्हारी मुस्कान 
माधुर्य और यौवन से परिपूर्ण 
सुकूँ देती है मेरे संघर्ष को।

©शुभम द्विवेदी

संघर्ष

7 Love

White जानती हो अब उधर आना जाना नहीं होता सच कहूँ कि तुझे मिलने का मन नहीं होता क्या कहा तुझे अब भी मुझमें वही दिखता है जबसे उसके साथ तुझे देखा,अब भरोसा नहीं होता। ©शुभम द्विवेदी

#love_shayari #लव  White जानती हो अब उधर आना जाना नहीं होता 
सच कहूँ कि तुझे मिलने का मन नहीं होता 
क्या कहा तुझे अब भी मुझमें वही दिखता है
जबसे उसके साथ तुझे देखा,अब भरोसा नहीं होता।

©शुभम द्विवेदी

#love_shayari धोखा वाले

8 Love

green-leaves किताबों की दोस्ती कितनी अच्छी है ना मौन रहती है खुद फिर भी सब कुछ सिखा देती है अपने अंदर लिखे काले अक्षरो से ही हमें जीवन का सारा भला-बुरा सिखा देती है। ©शुभम द्विवेदी

#विचार #GreenLeaves  green-leaves किताबों की दोस्ती कितनी अच्छी है ना 
मौन रहती है खुद फिर भी सब कुछ सिखा देती है 
अपने अंदर लिखे काले अक्षरो से ही 
हमें जीवन का सारा भला-बुरा सिखा देती है।

©शुभम द्विवेदी

#GreenLeaves किताब

7 Love

Unsplash सच कहता हूँ,हाँ,मुझे उतनी ही पसंद हो तुम जितनी मेरी लिखने वाली नीली-काली कलम जैसे वो मेरी कॉपी को भर देती है अपने रंग से ठीक वैसे ही तुम भी मेरे जीवन को रंगों से भर दो। ©शुभम द्विवेदी

#लव #Book  Unsplash सच कहता हूँ,हाँ,मुझे उतनी ही पसंद हो तुम 
जितनी मेरी लिखने वाली नीली-काली कलम 
जैसे वो मेरी कॉपी को भर देती है अपने रंग से
ठीक वैसे ही तुम भी मेरे जीवन को रंगों से भर दो।

©शुभम द्विवेदी

#Book जीवन

6 Love

Google बिना तलवार और बिना हथियार के सौभाग्य थे आप भारत जैसे राष्ट्र के आपने अपने ज्ञान से राष्ट्र उत्थान करके भारत को उबार दिया आर्थिक विकार से... ©शुभम द्विवेदी

#मराठीकविता #Manmohan_Singh_Dies  Google बिना तलवार और बिना हथियार के 
सौभाग्य थे आप भारत जैसे राष्ट्र के 
आपने अपने ज्ञान से राष्ट्र उत्थान करके 
भारत को उबार दिया आर्थिक विकार से...

©शुभम द्विवेदी

#Manmohan_Singh_Dies an_Singh_Dies

6 Love

Trending Topic