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Monika Chopra

Monika Chopra Lives in Jalandhar, Punjab, India

apni marzi se kahan apne safer ke hum hain

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#WritersMotive  सुनो,,,

#WritersMotive

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#WritersMotive

घंटों देखा है चांद को अपनी सूनी आँखों से जब भी मैं याद करती हूं तुम्हें चांद नहीं सोया जब भी मैं जागती तुम्हारे लिए वो भी मेरे साथ रहा चांद ने बरसाया बहुत बार अमृत तब भी मुझे तो पीना था विष चांद ने कभी नहीं रोका मुझे सपनों की आकाशगंगा में विचरने से और मैं फिरती रही पागलों की तरह तुम्हारे ख्वाबों की रूपहली राह पर। चांद ने देखे मेरे सब सपने उसने देखा मेरा प्रेम उसको मेरा इंतज़ार भी सालता रहा मगर फिर भी रहा हमेशा साथ मेरे पास बनकर विश्वास। यह जानते हुए भी कि मैं उसके सहारे और उसके साथ भी उसके पास भी और उसमें खोकर भी याद करती हूं तुम्हें। उसकी आँखों ने मेरी आँखों को सँभाला बहुत मैं और चांद दोनों अक्सर साथ होते हैं हम दोनों जानते हैं कि चांद बेवफा नहीं होता!!!

#ColdMoon  घंटों देखा है चांद को अपनी
सूनी आँखों से
जब भी मैं याद करती हूं तुम्हें 
चांद नहीं सोया 
जब भी मैं जागती तुम्हारे लिए 
वो भी मेरे साथ रहा
चांद ने बरसाया बहुत बार अमृत 
तब भी मुझे तो पीना था विष 
चांद ने कभी नहीं रोका मुझे 
सपनों की आकाशगंगा में विचरने से 
और मैं फिरती रही पागलों की तरह 
तुम्हारे ख्वाबों की रूपहली राह पर। 
चांद ने देखे मेरे सब सपने
उसने देखा मेरा प्रेम
उसको मेरा इंतज़ार भी सालता रहा
मगर फिर भी रहा हमेशा साथ 
मेरे पास बनकर विश्वास। 
यह जानते हुए भी कि 
मैं उसके सहारे   
और उसके साथ भी
उसके पास भी 
और उसमें खोकर भी 
याद करती हूं तुम्हें। 
उसकी आँखों ने 
मेरी आँखों को सँभाला बहुत
मैं और चांद दोनों 
अक्सर साथ होते हैं
हम दोनों जानते हैं कि 
चांद बेवफा नहीं होता!!!

#ColdMoon

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#rain

#rain

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अद्भुत सौगात शिव से शिव का संवाद अनहद नाद पिंड से ब्रह्माण्ड तक ब्रह्माण्ड से पिंड तक विष का शमन ऊर्जा का ऊर्ध्वगमन शिव की शक्ति शक्ति का शिव किसी की भक्ति किसी का इव सृजन का आधार संस्कृति का आभार प्रकृति का उद्धार अप्रकृति का संहार यह मृत्यु का जीवन है, अमृत का सागर है निशानिमन्त्रण है, आत्म नियंत्रण है विष है, सुधा है तृप्ति है, क्षुधा है आग्रह है, अबीर है सुख है, पीर है कुछ अंत है, कहीं अनंत है वही शिव है, वही संत है। सुख की मात्रा महादेव की महायात्रा सती की आह गंगा का प्रवाह बिल्वपत्र से पलाश तक धरती से कैलाश तक ज्योतिर्पीठों के लिंग हिमग्राम का आत्मलिंग अर्चना आराधना उपासना साधना पूजा वंदना स्तुति अर्घ्य हवन और आरती ब्रह्माण्ड में जम्बू द्वीप में आर्यावर्त की यही तो शक्ति है संहार से पूर्व सृजन पोषण और संवेदना में जो समायी है यही शिवभक्ति है। ॐ🙏सावन में सबका शुभ हो 🙏ॐ

 अद्भुत सौगात 
शिव से शिव का संवाद 
अनहद नाद 
पिंड से ब्रह्माण्ड तक 
ब्रह्माण्ड से पिंड तक 
विष का शमन 
ऊर्जा का ऊर्ध्वगमन 
शिव की शक्ति 
शक्ति का शिव 
किसी की भक्ति
किसी का इव  
सृजन का आधार 
संस्कृति का आभार 
प्रकृति का उद्धार 
अप्रकृति का संहार 
यह मृत्यु का जीवन है, 
अमृत का सागर है 
निशानिमन्त्रण है, 
आत्म नियंत्रण है 
विष है, सुधा है 
तृप्ति है,  क्षुधा है 
आग्रह है, अबीर है 
सुख है, पीर है 
कुछ अंत है, कहीं अनंत है 
वही शिव है, वही संत है। 
सुख की मात्रा 
महादेव की महायात्रा 
सती की आह 
गंगा का प्रवाह 
बिल्वपत्र से पलाश तक 
धरती से कैलाश तक 
ज्योतिर्पीठों के लिंग 
हिमग्राम का आत्मलिंग 
अर्चना आराधना 
उपासना साधना पूजा 
वंदना स्तुति अर्घ्य 
हवन  और आरती 
ब्रह्माण्ड में
जम्बू द्वीप में  
आर्यावर्त की 
यही तो शक्ति है 
संहार से पूर्व सृजन 
पोषण और संवेदना में 
जो समायी है 
यही शिवभक्ति है। 

ॐ🙏सावन में सबका शुभ हो 🙏ॐ

अद्भुत सौगात शिव से शिव का संवाद अनहद नाद पिंड से ब्रह्माण्ड तक ब्रह्माण्ड से पिंड तक विष का शमन ऊर्जा का ऊर्ध्वगमन शिव की शक्ति शक्ति का शिव किसी की भक्ति किसी का इव सृजन का आधार संस्कृति का आभार प्रकृति का उद्धार अप्रकृति का संहार यह मृत्यु का जीवन है, अमृत का सागर है निशानिमन्त्रण है, आत्म नियंत्रण है विष है, सुधा है तृप्ति है, क्षुधा है आग्रह है, अबीर है सुख है, पीर है कुछ अंत है, कहीं अनंत है वही शिव है, वही संत है। सुख की मात्रा महादेव की महायात्रा सती की आह गंगा का प्रवाह बिल्वपत्र से पलाश तक धरती से कैलाश तक ज्योतिर्पीठों के लिंग हिमग्राम का आत्मलिंग अर्चना आराधना उपासना साधना पूजा वंदना स्तुति अर्घ्य हवन और आरती ब्रह्माण्ड में जम्बू द्वीप में आर्यावर्त की यही तो शक्ति है संहार से पूर्व सृजन पोषण और संवेदना में जो समायी है यही शिवभक्ति है। ॐ🙏सावन में सबका शुभ हो 🙏ॐ

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जो प्रेम किया है न तुमसे उसका हर दर्द उधार रहा जो बादल सा ग़ुबार मन ने और बरसात आँखों से वही न सब कर्ज है तुम पे मैं तो मुक्त हो जाऊँगी मैंने जिया है तुम्हें क्या तुम मेरी आत्मा को मार मुक्त हो पाओगे ?

#darkness  जो प्रेम किया है न तुमसे
उसका हर दर्द उधार रहा
जो बादल सा ग़ुबार मन ने
और बरसात आँखों से वही न
सब कर्ज है तुम पे 
मैं तो मुक्त हो जाऊँगी
मैंने जिया है तुम्हें
क्या तुम मेरी आत्मा
को मार मुक्त हो पाओगे ?

#darkness

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