कबीर साहेब के बारे में फैली भ्रांतिया और पूर्ण सच।
कबीर साहेब जी के जन्म को लेकर बहुत सारे लोगों केे अलग अलग मत है। कुछ लोगों का कहना है कि कबीर साहिब जी विधवा केे पुत्र थे, जिसने लोक लाज के कारण लहरतारा तालाब में छोड़ दिया था। जहां पर नीरू नामक मुसलमान को मिले। कुछ लोगों का कहना है कि वे जन्म से मुसलमान थे।
सच्चाई यह है कि विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा सुबह-सुबह ब्रह्ममुहुर्त में वह पूर्ण परमेश्वर कबीर (कविर्देव) जी स्वयं अपने मूल स्थान सतलोक से आए। काशी में लहर तारा त
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