Usmani's poetry (paapi)

Usmani's poetry (paapi) Lives in Delhi, Delhi, India

मैं खुद्को खो दूँ ,मुझसे ऐसी ना भूल हो इश्क़ ओ वफा में भी अपना उसूल हो मुझको दुआ में माँगने वाले तो हैं बहुत लेकिन मै चाहता हूँ दुआ तेरी क़ुबूल हो

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