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lawyer by profession writer from emotion
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Alok Kumar
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कुछ इश्क़ अधुरे रह गए कुछ काम बाकी रह गए जाते जाते वो पलटे तो सही बस गले लगाते - लगाते रह गए ©Alok Kumar
10 Love
मैंने रास्ते बदल के देखे हैं मंज़िल से वापसी के निशान देखे हैं तजुर्बा है सो कहता हूँ दोस्त मैंने परिंदे कयी क़ैद में देखे हैं ज़िंदा रहते दोस्त आसमान से लड़ जाना परिंदे मरे मैंने ज़मीन पे देखे हैं हुनर नहीं होता सब में यहाँ अर्जुन मैंने कई बिना माधव के देखे हैं ©Alok Kumar
9 Love
एक शाम ढली है, एक सुबह आएगी बेचैनी ये यूँही ना रहेगी सुकून की नींद भी आएगी ©Alok Kumar
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