बच्चों कि खुशी के लिये, वो सब सहन कर जाती है
आंच जो आये घर पर, वो दुर्गा बन जाती है
और अपने गम सभी से छिपा बंद कमरे मे रोती है
मां, मां होती है, मां , मां होती है।
अंकित गुप्ता "नादान"
बेवजह तेरा यूं दिल मे आना
बेवजह तेरा यूं दिल से जाना
बेवजह तेरा यूं मुस्कराना
बेवजह तेरा यूं रूठ जाना
वजह से होता तो अच्छा होता
बेवजह तेरा यूं अपना बनाना
बेवजह तेरा यूं मुझको मनाना
बेवजह तेरा यूं हमदर्दी दिखाना
बेवजह तेरा यूं प्यार जताना
वजह से होता तो अच्छा होता
नादान
बेवजह तेरा यूं दिल मे आना
बेवजह तेरा यूं दिल से जाना
बेवजह तेरा यूं मुस्कराना
बेवजह तेरा यूं रूठ जाना
वजह से होता तो अच्छा होता
बेवजह तेरा यूं अपना बनाना
बेवजह तेरा यूं मुझको मनाना
सार्थक साहित्य मंच की स्थापना के दस वर्ष पूरे होने पर संस्था की ओर से अपने संस्थापक संरक्षक डा विजय दत्त शर्मा जी एवं संस्थापक अध्यक्ष श्रीमान चन्द्रमोहन सिंगला जी के सम्मानार्थ समारोह एवं कवि गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित है।
समय :3 pm
दिन एवं दिनांक :रविवार, 8मार्च,2020
स्थान : मल्टी आर्ट कल्चर सैंटर, कुरूक्षेत्र, कान्फ्रेंस हाल
9034800386 @Saliha Mansoori@Annu Sharma@vinodsaini@Upasana Gupta dil ke alfazzzzz ❤️. mere sath @Nalini
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