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it's Love
सचिन
Sunday, 29 December | 09:06 pm
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Unsplash कभी केंद्र, कभी झारखंड तो कभी बिहार चाहे क्यों न हो हर राज्य की सरकार करके देखो तो पेपर लीक का प्रदर्शन लाठियां बरसाएगी सरकार ©सचिन
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Unsplash दुख की क्या बात करें यारों ना चाहते हुए भी मुस्कुराना पड़ता है, बात बस इतनी नहीं है इस कड़कड़ाती ठंड में नहाना पड़ता है। ©सचिन
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Unsplash यूं ही बिता लिए जाते है हर महीने साल के गालिब, लेकिन जॉन कहता है इस दिसंबर पर तो कड़कड़ाती ठंड और साल के खत्म होने का बोझ है। ©सचिन
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Unsplash यूं ही नहीं कोई कर लेता है अपनी जिंदगी का ह्रास न जाने कितने पुरुष आज भी है अतुल सुभाष। ©सचिन
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White कोशिश करते रहना और हर बार हार जाने की बेबसी बस लोग बनकर रह जाते है आरसीबी ©सचिन
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