Shayer Sahab

Shayer Sahab Lives in Gurugram, Haryana, India

shayer

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यही रात अंतिम यही रात भारी

यही रात अंतिम यही रात भारी

Friday, 15 April | 01:08 am

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ख़ुशी किसी भी इंसान की ज़िंदगी का उतना ही खूबसूरत हिस्सा है जितना की सुकून। और उतना ही जरुरी भी जितना की ज़िंदगी खुद। पर ,,,पर एक इंसान खुश कब होता है ? क्या जब उसके चेहरे पर एक मुस्कान है, तब ? या वो मुखोटे वाली मुस्कान जिसमे चेहरे पर एक हंसी है और इंसान खुश नज़र आ रहा है सबको, तब ? चलो मान लिया हाँ वो खुश है , क्यों,,,,क्युकी चेहरे पर मुस्कान है उसकी। शायद तुम सही हो सकते हो उसकी उस मुस्कान को देख कर, पर,,,पर क्या हमे इन आँखों से उसके होंठो के वक्र और गालो के उभार को ही देखना चाहिए ? अगर हाँ तो तुम सही हो, वो खुश है। पर मुझे क्यों नहीं लगता की वो खुश है, क्यों,,,क्युकी मैंने उसके चेहरे की मुस्कान से पहले उसकी आँखों में देखा। शायद हाँ, इस बार में सही हूँ क्युकी मुस्कानें झूठी भी हो सकती है और जुबां भी झूठ बोल सकती है। यही तो मुखौटा होती है शायद। पर आँखे,,,आँखे कभी झूठ नहीं बोलती बस हमें देखने की जरूरत होती है एक बार। इंसान शायद खुद से खुश नहीं होता है वो खुश हमेशा उसके अपनों के साथ और उनकी ख़ुशी में ही नज़र आएगा। यह बात मैं अक्सर ऐसे ही कहा करता था की उसकी ख़ुशी में मेरी ख़ुशी है। पर अब जान गया हूँ ये सच है। शायद ऐसी ही होती है असली ख़ुशी। ©Shayer Sahab

 ख़ुशी 
किसी भी इंसान की ज़िंदगी का उतना ही खूबसूरत हिस्सा है जितना की सुकून। 
और उतना ही जरुरी भी जितना की ज़िंदगी खुद। 

पर ,,,पर एक इंसान खुश कब होता है ?
क्या जब उसके चेहरे पर एक मुस्कान है, तब ?
या वो मुखोटे वाली मुस्कान जिसमे चेहरे पर एक हंसी है और इंसान खुश नज़र आ रहा है सबको, तब ?
चलो मान लिया हाँ वो खुश है , क्यों,,,,क्युकी चेहरे पर मुस्कान है उसकी। 
शायद तुम सही हो सकते हो उसकी उस मुस्कान को देख कर, पर,,,पर क्या हमे इन आँखों से उसके होंठो के वक्र और गालो के उभार को ही देखना चाहिए ?
अगर हाँ तो तुम सही हो, वो खुश है। 
पर मुझे क्यों  नहीं लगता की वो खुश है, क्यों,,,क्युकी मैंने उसके चेहरे की मुस्कान से पहले उसकी आँखों में देखा। 
शायद हाँ, इस बार में सही हूँ क्युकी मुस्कानें झूठी भी हो सकती है और जुबां भी झूठ बोल सकती है। 
यही तो मुखौटा होती है शायद। 
पर आँखे,,,आँखे कभी झूठ नहीं बोलती बस हमें देखने की जरूरत होती है एक बार। 

इंसान शायद खुद से खुश नहीं होता है वो खुश हमेशा उसके अपनों के साथ और उनकी ख़ुशी में ही नज़र आएगा। 
यह बात मैं अक्सर ऐसे ही कहा करता था की उसकी ख़ुशी में मेरी ख़ुशी है। 
पर अब जान गया हूँ ये सच है। 
शायद ऐसी ही होती है असली ख़ुशी।

©Shayer Sahab

# खुशी

25 Love

अकेलापन क्या होता है ? आपके पास कोई नहीं है कोई बात करने वाला नहीं है कोई ख़ास नहीं है यह सब ? या आपके पास सब कुछ है कुछ ख़ास लोग भी है पर आप तब भी अकेला महसूस कर रहे हो , यह होता है शायद अकेलापन। क्यों आता है ज़िंदगी में अकेलापन ? क्युकी हमने इतनी बड़ी दुनिया होते हुई भी खुद के लिए एक छोटी सी दुनिया बनाई। शायद हाँ। हम इंसान होते ही ऐसे है खुद की छोटी सी दुनिया में रहने वाले। जो इस ज़िंदगी में, ऐसे ही जीना चाहते है। पर क्या ये सही है ? क्या ये सही है की हम इस ठहराव में रुके रहे ? अगर ये सही है, तो शायद उतना ही सही यह भी होगा की आगे बढ़ना भी ज़रूरी है, जो की ठहराव से बेहतर हो सकता है। मेने अक्सर ये सुना है की ज़िंदगी छोटी सी है मेरे दोस्त। अगर ज़िंदगी छोटी सी है तो हम क्यों खुद को रोके रखते है। ज़िंदगी में किसी भी चीज़ या इंसान से ज्यादा जरुरी शायद हमारा खुश रहना , हस्ते मुस्कुराते रहना है। क्या में गलत हूँ ? हाँ, शायद हो सकता हूँ। इंसान ही तो हूँ। क्या मैं गलत हूँ ??? या मैं अकेला हूँ ??? ©Shayer Sahab

#lonely  अकेलापन क्या होता है ?
आपके पास कोई नहीं है कोई बात करने वाला नहीं है कोई ख़ास नहीं है यह सब ?
या आपके पास सब कुछ है कुछ ख़ास लोग भी है पर आप तब भी अकेला महसूस कर रहे हो , यह होता है शायद अकेलापन। 
क्यों आता है ज़िंदगी में अकेलापन ?
क्युकी हमने इतनी बड़ी दुनिया होते हुई भी खुद के लिए एक छोटी सी दुनिया बनाई। 
शायद हाँ। 
हम इंसान होते ही ऐसे है खुद की छोटी सी दुनिया में रहने वाले।  जो इस ज़िंदगी में, ऐसे ही जीना चाहते है। 
पर क्या ये सही है ?
क्या ये सही है की हम इस ठहराव में रुके रहे ?

अगर ये सही है, तो शायद उतना ही सही यह भी होगा की आगे बढ़ना भी ज़रूरी है, जो की ठहराव से बेहतर हो सकता है। 
मेने अक्सर ये सुना है की ज़िंदगी छोटी सी है मेरे दोस्त। 
अगर ज़िंदगी छोटी सी है तो हम क्यों खुद को रोके रखते है। 
ज़िंदगी में किसी भी चीज़ या इंसान से ज्यादा जरुरी शायद हमारा खुश रहना , हस्ते मुस्कुराते रहना है। 
क्या में गलत हूँ ?
हाँ, शायद हो सकता हूँ। 
इंसान ही तो हूँ। 
क्या मैं गलत हूँ ???
या मैं अकेला हूँ ???

©Shayer Sahab

#lonely

25 Love

ज़िन्दगी में कुछ चीज़ें आपका पीछा कभी नही छोड़ती जिनमें से एक है यादे वो चाहे अच्छी हो या बुरी। वो पल जो आपने बिताये है उस इंसान के साथ जो अचानक से आपकी ज़िंदगी में आया और एक अलग सा रिश्ता बना गया। क्या नाम दे इस रिश्ते को ? या बेनाम रहने दिया जाए। ©Shayer Sahab

 ज़िन्दगी में कुछ चीज़ें आपका पीछा कभी नही छोड़ती 
जिनमें से एक है यादे वो चाहे अच्छी हो या बुरी।
वो पल जो आपने बिताये है उस इंसान के साथ जो अचानक से आपकी ज़िंदगी में आया और एक अलग सा रिश्ता बना गया।

क्या नाम दे इस रिश्ते को ?
या बेनाम रहने दिया जाए।

©Shayer Sahab

नाम देना चाहिए इस रिश्ते को?

35 Love

सब्र क्या है? भावनाओ से जुड़ा वो पल, जो हमे विनाश की ओर जाने रोकता है। ©Shayer Sahab

#ज़िन्दगी #सब्र  सब्र क्या है?

भावनाओ से जुड़ा वो पल, जो हमे विनाश की ओर जाने रोकता है।

©Shayer Sahab

बच्चों की खुशी 2 मिनट के गुब्बारे में होती है ना की 1 घण्टे की कार की सवारी में। इसी तरह ज़िन्दगी में छोटी खुशियां जरूरी है वो मिल जाये इतना काफी होता है।। ©Shayer Sahab

#विचार  बच्चों की खुशी 2 मिनट के गुब्बारे में होती है ना की 1 घण्टे की कार की सवारी में।

इसी तरह ज़िन्दगी में छोटी खुशियां जरूरी है वो मिल जाये इतना काफी होता है।।

©Shayer Sahab

ज़िन्दगी में किसी को वो थोड़े पल दे जिसमे वो खुश हो दिल से। # छोटी सी खुशी

35 Love

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