Vishal kumar

Vishal kumar

युवा कवि

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ठंडक देता है जो दिल को वो आफताब तुम हो रौशनी से भरी खूबसूरत महताब तुम हो, खामोश लफ्जों में गूंजते सवालों के जवाब तुम हो जिसके हर पन्ने को बारीकी और करीबी से पढ़ने का दिल करे वो खुली किताब तुम हो ©Vishal kumar

#कविता #ValentinesDay  ठंडक देता है जो दिल को वो आफताब तुम हो
रौशनी से भरी खूबसूरत महताब तुम हो,
खामोश लफ्जों में गूंजते सवालों के जवाब तुम हो
जिसके हर पन्ने को बारीकी और करीबी से पढ़ने का दिल करे वो खुली किताब तुम हो

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यूं तेरा मेरा सफर कश्मकश में कब तक चलेगा, रूह के पास मोहलत एक हीं है तुझे पाने की ©Vishal kumar

#कविता  यूं तेरा मेरा सफर कश्मकश में कब तक चलेगा,
रूह के पास मोहलत एक हीं है तुझे पाने की

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यूं तेरा मेरा सफर कश्मकश में कब तक चलेगा, रूह के पास मोहलत एक हीं है तुझे पाने की ©Vishal kumar

7 Love

तू जब नहीं थी तब भी था मैं पर अधूरा था बिना किसी वजूद के था। बस जिंदगी जिए जा रहा था। सांसें भी बोझ सी लगने लगी थी। पलकें भारी और गीली रहा करती थी। जिंदगी कागजों में खोई खोई कागज़ी सी बनती जा रही थी। फिर एक दिन दूर आसमान में इंद्रधनुष के रंगों से उतरकर आई तुम। हां तुम, वही तुम जिसने मेरी जिंदगी में रफ्ता रफ्ता रंग भरे। फिर जो पलकें बोझ लगती थी आज वो आंखों को ढकने से भी डरती है ताकि एक पल भी तुम्हारा अक्श मेरी आंखों से ओझल ना हो। मेरे होंठो ने तो मुस्कुराने की नौकरी शुरू की है मेहनताना तुम्हारे प्यार का जो मिलता है इन्हें। दिल ने तेजी से धड़कना शुरू किया है, इन्हें तुम्हारी आहट जो आ चुकी है। कुल मिलाकर बस एक बात है मैं अब तेरा हूं और तू अब मेरी है। एक बात सच बताना बचपन में जो गजल मैं पढ़ा करता था तुम उसमे से हीं निकल कर मेरे ख्वाबों की कहकशां बनकर आई हो ना? ©Vishal kumar

#BooksBestFriends #विचार  तू जब नहीं थी तब भी था मैं पर अधूरा था बिना किसी वजूद के था। बस जिंदगी जिए जा रहा था। सांसें भी बोझ सी लगने लगी थी। पलकें भारी और गीली रहा करती थी। जिंदगी कागजों में खोई खोई कागज़ी सी बनती जा रही थी। फिर एक दिन दूर आसमान में इंद्रधनुष के रंगों से उतरकर आई तुम। हां तुम, वही तुम जिसने मेरी जिंदगी में रफ्ता रफ्ता रंग भरे। फिर जो पलकें बोझ लगती थी आज वो आंखों को ढकने से भी डरती है ताकि एक पल भी तुम्हारा अक्श मेरी आंखों से ओझल ना हो। मेरे होंठो ने तो मुस्कुराने की नौकरी शुरू की है मेहनताना तुम्हारे प्यार का जो मिलता है इन्हें। दिल ने तेजी से धड़कना शुरू किया है, इन्हें तुम्हारी आहट जो आ चुकी है। कुल मिलाकर बस एक बात है मैं अब तेरा हूं और तू अब मेरी है। एक बात सच बताना बचपन में जो गजल मैं पढ़ा करता था तुम उसमे से हीं निकल कर मेरे ख्वाबों की कहकशां बनकर आई हो ना?

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आईने में शक्ल बहुत देखी अपनी, अब तेरी आंखों में देखने का वक्त आ चला है। सर्द रातें गुजारी बहुत अकेली अब तेरे एहसास का वक्त आ चला है। अकेले बहुत रह चुके हम अब तेरे साथ को पाने का वक्त आ चला है। ख्वाब देखकर थक चुकी आंखें, तेरे दीदार का वक्त आ चला है। सूखते होंठ खामोश अल्फाजों से जो जाहिर किया हमने, उसे सच में बदलने का वक्त आ चला है। तेरे मेरे मिलन का वक्त आ चला है❤️ ©Vishal kumar

#शायरी #beinghuman  आईने में शक्ल बहुत देखी अपनी,
अब तेरी आंखों में देखने का वक्त आ चला है।
सर्द रातें गुजारी बहुत अकेली
अब तेरे एहसास का वक्त आ चला है।
अकेले बहुत रह चुके हम
अब तेरे साथ को पाने का वक्त आ चला है।
ख्वाब देखकर थक चुकी आंखें,
तेरे दीदार का वक्त आ चला है।
सूखते होंठ खामोश अल्फाजों से जो जाहिर किया हमने,
उसे सच में बदलने का वक्त आ चला है।
तेरे मेरे मिलन का वक्त आ चला है❤️

©Vishal kumar

दीवाने हम नहीं होते दीवानी रातें आती है, मोहब्बत की नहीं जाती, मोहब्बत तो बस हो जाती है ©Vishal kumar

#AWritersStory  दीवाने हम नहीं होते दीवानी रातें आती है,
मोहब्बत की नहीं जाती, मोहब्बत तो बस हो जाती है

©Vishal kumar

मेरे ख्वाबों की दुनिया को अपने प्यार के रंगों से भर दे, आ थामकर मेरा हाथ मुझ अधूरे को पूरा कर दे। जुबां तेरी अल्फाज मेरे हों, दे प्यार इतना इस दुनिया से मुझे गुमशुदा कर दे, सांसें पुकार रही तेरा नाम, आ हाथ थाम मेरा मुझ अधूरे को पूरा कर दे। अश्क बहाकर थकी आंखों में तस्वीर तू खुद की भर दे, सुनना है गर मेरी धड़कनों की आवाज तो थामकर मेरे नब्जों में तू अपनी दुआ भर दे, अब आ भी जा ना मुझ अधूरे को पूरा कर दे ©Vishal kumar

 मेरे ख्वाबों की दुनिया को अपने प्यार के रंगों से भर दे,
आ थामकर मेरा हाथ मुझ अधूरे को पूरा कर दे।

जुबां तेरी अल्फाज मेरे हों, दे प्यार इतना इस दुनिया से मुझे गुमशुदा कर दे,
सांसें पुकार रही तेरा नाम, आ हाथ थाम मेरा मुझ अधूरे को पूरा कर दे।

अश्क बहाकर थकी आंखों में तस्वीर तू खुद की भर दे,
सुनना है गर मेरी धड़कनों की आवाज तो थामकर मेरे नब्जों में तू अपनी दुआ भर दे,
अब आ भी जा ना मुझ अधूरे को पूरा कर दे

©Vishal kumar

मेरे ख्वाबों की दुनिया को अपने प्यार के रंगों से भर दे, आ थामकर मेरा हाथ मुझ अधूरे को पूरा कर दे। जुबां तेरी अल्फाज मेरे हों, दे प्यार इतना इस दुनिया से मुझे गुमशुदा कर दे, सांसें पुकार रही तेरा नाम, आ हाथ थाम मेरा मुझ अधूरे को पूरा कर दे। अश्क बहाकर थकी आंखों में तस्वीर तू खुद की भर दे, सुनना है गर मेरी धड़कनों की आवाज तो थामकर मेरे नब्जों में तू अपनी दुआ भर दे, अब आ भी जा ना मुझ अधूरे को पूरा कर दे ©Vishal kumar

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