himadri pal

himadri pal Lives in Varanasi, Uttar Pradesh, India

मै खुद का परिचय बस इतना बताती हूं लफ़्ज़ों की लिखकर इश्क़ बनारस बताती हूं..

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जिस रोज़, बांध दिया जाएगा मुझे, मेरी अस्वीकृति के साथ, अग्नि के उन सात फेरों में और इस विरोधाभास में, मेरे आत्मा जल रही होगी रिश्तों की प्रीति-कलह में, उस रोज, मेरी देह के प्रत्येक भाग पे, मुझे स्पर्श करते हुए आएगी, बारिश की उन तमाम बूंदों में मेरी लिखी हुई समस्त कविताएं, जो मेरे दग्ध हृदय पे उकेरेगी, जीवन की एक नई परिभाषा, व मिटा देगी रस्मों -रिवाजों की खींची गई अनगिनत रेखाएं, और इस रूहानी छुअन के संग, जो आजाद कर देगी मुझे, नश्वर जीवन के मोहपाश से, उस रोज़, लीक से हटकर मैं लूंगी एक, 'आठवां फेरा' अपनी कविताओं के साथ, व आरंभ होगा, मेरी आत्मस्वीकृति के साथ, काव्यात्मक सफ़र... - ©️ हिमाद्रि पाल / Himadri Pal

#himadripal  जिस रोज़,
बांध दिया जाएगा मुझे,
मेरी अस्वीकृति के साथ,

अग्नि के उन सात फेरों में
और इस विरोधाभास में,

मेरे आत्मा जल रही होगी
रिश्तों की प्रीति-कलह में,

उस रोज,
मेरी देह के प्रत्येक भाग पे,
मुझे स्पर्श करते हुए आएगी,

बारिश की उन तमाम बूंदों में
मेरी लिखी हुई समस्त कविताएं,

जो मेरे दग्ध हृदय पे उकेरेगी,
जीवन की एक नई परिभाषा,

व मिटा देगी रस्मों -रिवाजों की
खींची गई अनगिनत रेखाएं,

और इस रूहानी छुअन के संग,
जो आजाद कर देगी मुझे,
नश्वर जीवन के मोहपाश से,

उस रोज़,
लीक से हटकर मैं लूंगी एक,
'आठवां फेरा'
अपनी कविताओं के साथ,

व आरंभ होगा,
मेरी आत्मस्वीकृति के साथ,
काव्यात्मक सफ़र...

- ©️ हिमाद्रि पाल / Himadri Pal
#rachnasaurabh #himadripal
#rachnasaurabh #himadripal

सुबह की रौशनाई सा वो मेरा इंतजार करता हैं अपनी कविताओं से हि वो मेरा श्रृंगार करता हैं ये तिलिस्म मेरी मोहब्बत का वो जरिया कहता हैं इक शख़्स हैं जो मुझसे बनारस सा प्यार करता हैं... @Himadri Pal

#himadripal #Banaras  सुबह की रौशनाई सा वो मेरा इंतजार करता हैं
अपनी कविताओं से हि वो मेरा श्रृंगार करता हैं
ये तिलिस्म मेरी मोहब्बत का वो जरिया कहता हैं
इक शख़्स हैं जो मुझसे बनारस सा प्यार करता हैं...

@Himadri Pal

किसी से प्रेम में उलझनें के बजाए : किताबों में उलझी हुई लड़किया, अक्सर, जो गढ़ रही होती हैं, जीवन की कविताओं को, जो तय करती हैं, स्वयं को इस काबिल बनाते हुए, अपना आने वाला कल... - Himadri Pal

 किसी से प्रेम में उलझनें के बजाए
:
किताबों में उलझी हुई लड़किया,
अक्सर,
जो गढ़ रही होती हैं,
जीवन की कविताओं को,
जो तय करती हैं,
स्वयं को इस काबिल बनाते हुए,
अपना आने वाला कल...
       
            - Himadri Pal

किसी से प्रेम में उलझनें के बजाए : किताबों में उलझी हुई लड़किया, अक्सर, जो गढ़ रही होती हैं, जीवन की कविताओं को, जो तय करती हैं, स्वयं को इस काबिल बनाते हुए, अपना आने वाला कल... - Himadri Pal

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देखो तो चांद भी उतर आया हैं आज आइने में, अरसे से इंतजार था इक तेरा तो इस जमाने में, फक़त रूह ही नहीं शमां भी रौशन है तुझसे ही, हुई मुकम्मल ये चांदनी भी तेरे ही आशियाने में.. @Himadri Pal

 देखो तो चांद भी उतर आया हैं आज आइने में,
अरसे से इंतजार था इक तेरा तो इस जमाने में,
फक़त रूह ही नहीं शमां भी रौशन है तुझसे ही,
हुई मुकम्मल ये चांदनी भी तेरे ही आशियाने में..

@Himadri Pal

देखो तो चांद भी उतर आया हैं आज आइने में, अरसे से इंतजार था इक तेरा तो इस जमाने में, फक़त रूह ही नहीं शमां भी रौशन है तुझसे ही, हुई मुकम्मल ये चांदनी भी तेरे ही आशियाने में.. @Himadri Pal

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