तेरे रिस्तो की मुझे अब कोई जरूरत नही.........
तू भाई बोलता है,
पर तेरा भाई जैसा काम नही ,
तू नशे में डूबा बैठा है,
अच्छाई में कही तेरा नाम नही,
तू मुझे कभी पसन्द आये ऐसी तेरी मूरत नही,
सुन तेरे रिस्तो की मुझे अब कोई जरूरत नही.....
तू खुदको समझता दिमागदार,
कर चुका है अब हर हद को पार,
जिस दिन हुआ अच्छे से तकरार,
उस दिन सारी हेकड़ी निकल जायेगी यार,
लोग तुझसे प्यार करे ऐसे तेरी सीरत नही,
सुन तेरे रिस्तो की मुझे अब कोई जरूरत नही ।।
#आशु_की_कलम_से
#समझें_मुन्ना
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