किसी प्रतियोगिता में जितने से नहीं, बल्कि इसके लिए की जाने वाली घंटो, महीनों की तैयारी से विजेता बनते है।
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पत्थर नहीं हूं मुझ में भी नमी है, दर्द बयां नहीं करता बस इतनी सी कमी है
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