शिक्षक
जन्म दाता माता पिता हैं ,
पर शिक्षक तो हैं उनसे भी महान ।
शिक्षा का दीप जला कर के ,
कर देते जीवन को दीप्तवान ।
निर्जन जीवन के बगिया में ,
शिक्षक हैं एक बागवान ।
अपने श्रम रूपी जल से सींच कर ,
कर देते सूखी डाली को भी पुष्पवान ।
जब पथ से विचलित हो जाते हैं हम ,
शिक्षक ही कराते पथ सुपथ का पहचान ।
जब अंधियारा छा जाता जीवन मे ,
शिक्षक कर देते सौ सूरज सा धनवान ।
नित नए प्रेरक ज्ञान देकर ,
शिक्षक करते हैं जीवन का भव्य निर्माण ।
लक्ष्य कितना ही ओझल हो ,
इनके मार्गदर्शन से हो जाता हैं आसान ।
कभी डाँट कर कभी स्नेह से ,
हर पल करते जीवन का उत्थान ।
एक मात्र शिक्षक ही ऐसे हैं ,
जो कराते हैं सुमार्ग का पहचान ।
कर लो सब शिक्षक का सम्मान ,
खुद बढ़ जाएगा तेरा मान ।
शिक्षक तो हैं ईश्वर का दिव्य वरदान ।।
✍मोहिनी शुक्ला
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