6 Love
पानी में तेरे ख़तों की नाव चलाता हूँ जल तो चुका हूँ अब अस्थियां बहाता हूँ मुझे कौन रुलाएगा आकर अब सावन में मैं खुद अपने ग़मों का हिसाब लगाता हूँ तेरा होना भी मैं अब तो कबका भूल चुका जो बाकी है बस उसका बोझ उठाता हूँ
4 Love
कोई अजनबी न मिल जाये रास्ते में ज़रा देख के चल वरना आज फ़िर घर लौटने में देर होगी #dpf
5 Love
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