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कही में कवि तो नहीं...?
White तुम से मिले तो ख़ुद से ज़ियादा तुम को अकेला पाया हम ने ©sharma h.k
sharma h.k
12 Love
White अपने साए से चौंक जाते हैं उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा ©sharma h.k
13 Love
White ख़ुद समझ जाओगे उसकी चाहतों का रुख़ है क्या तुम हवा के सामने मिट्टी उड़ा के देखना ©sharma h.k
16 Love
Vishnu Bhagwan अंतकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम्। यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ॥ भावार्थ : जो पुरुष अंतकाल में भी मुझको ही स्मरण करता हुआ शरीर को त्याग कर जाता है, वह मेरे साक्षात स्वरूप को प्राप्त होता है- इसमें कुछ भी संशय नहीं है। ©sharma h.k
यस्मिन् गृहे कन्याः पंचायतीं कुर्वन्ति तत् गृहं पतति, तस्मिन् कदापि एकता न स्थाप्यते। ©sharma h.k
Jai shree ram कर्मणा प्राप्यते स्वर्गः सुखं दुःखं च भारत ।। हिंदी अर्थ – हे भरतनंदन! कोई मनुष्य अपने कर्मों के आधार पर ही दुःख, सुख तथा स्वर्ग को भोगता है| ©sharma h.k
14 Love
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