"चन्द लम्हों में सिमटी है ज़िन्दगी परत दर परत खुशी और ग़म का छलावा है जुस्तजू लिए नादान दिल कुछ यूँ बढ़ चला है.. मनचला बहुत है.. मगर कदमों 👣 पर हुकूमत सिर्फ हमारा है...! "
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