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रावण में यदि जो भय होता तो सिया हरण वो ना करता भय उसको होता भी किसका त्रिभुवन शरणागत था जिसका सिया हरण का स्वांग रचाया भव सागर जो पार लगाया ©Dhirendra Pandey
Dhirendra Pandey
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कृपा सिंधु सुखधाम हैं राम दुःख हर लें वो नाम हैं राम हर कण गुंजित राम ही राम हम सब के भगवान हैं राम ©Dhirendra Pandey
11 Love
वीर है तो वीरता की बात करेंगे कायरो से है नहीं जो भाग पड़ेंगे जिंदगी का गीत हम यूं ही गाते रहेंगे जश्न है आजादी का मनाते रहेंगे ©Dhirendra Pandey
12 Love
उदय हो चला सूर्य मकर का पृथ्वी को ऊर्जावान बनाने संगम की अविरल धारा को अमृत और एक धाम बनाने ©Dhirendra Pandey
9 Love
हवाओं के साथ चलिए कहीं और दूर चलते हैं जिंदगी के किसी और समंदर की ओर चलते हैं आसान होता नही यूं हवाओ के साथ भी बहना पलक झपकते ही परिंदे भी कहीं और चल देते हैं ©Dhirendra Pandey
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