सुनो न मेरी निशा
हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ,
तुम मेरे जिंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या...
अपनी पहली ही मुलाकात में,
हमारे लिए दो कप चाय बना कर ला पाओगी क्या,
अगर कभी बरस पडूँ गुस्से में तुम पर तो
तुम मुझे प्यार से समझाकर सीने से लगा पाओगी क्या,
सुनो न मेरी निशा
हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ,
तुम मेरे जिंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या...
तुम मेरे साथ वाली फोटो को,
अपने दोस्तों को दिखा पाओगी क्या,
वैसे तो मैं नहीं चाहता कि कोई जाने हमारे बारे में,
लेकिन कोई पूछे मेरे बारे में तो,
मुझे अपना हमसफ़र बता पाओगी क्या,
अपने सभी दोस्तों से भी मुझे मिलवा पाओगी क्या,
Oye पागल ये तेरे जीजा जी है
उनसे ऐसा कह पाओगी क्या,
यु तो अपने मम्मी पापा का लाडला हूँ मैं
क्या तुम भी मुझे मेरे मम्मी पापा की तरह
प्यार कर पाओगी क्या,
सुनो न मेरी निशा
हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ,
तुम मेरे ज़िंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या...
रातों को आवारा गर्दी करना पसंद नहीं मुझे,
सुबह सुबह मेरे साथ मॉर्निंग वॉक पर
चल पाओगी क्या,
मैं कोई जॉब करती हुई जीवन साथी नहीं चाहता,
बस इतना चाहता हूँ कि
मैं जैसा हूँ मुझे वैसे ही मुझे अपना बना पाओगी क्या,
वैसे तो मुझे किसी चीज़ की ख़्वाहिश नहीं,
बस हमारी शादी पर,
तुम सात फेरों के सात वचनों को निभा पाओगी क्या
सुनो न मेरी निशा
हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ,
तुम मेरे जिंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या...
©Vivek Shakywal (Alfaaz By VivEk)
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