Vivek Shakywal

Vivek Shakywal Lives in Hindaun City, Rajasthan, India

आंखें बंद करने पर उसका चेहरा सामने आया,, महबूबा नहीं वो मेरी माँ थी.!! Love You Mom... 😍😘 Wish On Me 9th July 🎂🎈🎁 Thanks for Visit my Profile... Follow Me On Instagram.. Link is below👇my profile...

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कैसे बताऊँ मैं तुम्हें…. मेरे लिये तुम कौन हो…… तुम धड्कनॊं का गीत हो, जीवन का संगीत हो! तुम जिन्दगी, तुम बन्दगी ! तुम रोशनी, तुम ताजगी! तुम हर खुशी, तुम प्यार हो ! तुम प्रीत हो, मनमीत हो ! आँखों में तुम, यादों में तुम ! साँसों में तुम, आहों में तुम ! नींदों में तुम, ख्वाबों में तुम ! तुम हो मेरी हर बात में… तुम हो मेरे दिन रात में ! तुम सुबह में तुम शाम में ! तुम सोच में तुम काम में ! मेरे लिये पाना भी तुम ! मेरे लिये खोना भी तुम ! मेरे लिये हँसना भी तुम ! मेरे लिये रोना भी तुम ! और जागना सोना भी तुम !!! जाऊँ कहीं देखूँ कहीं…! तुम हो वहाँ…तुम हो वहीं ! कैसे बताऊँ मैं तुम्हें… तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं !!! कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….मेरे लिये तुम कौन हो !!! ये जो तुम्हारा रूप है… ये जिन्दगी की धूप है ! चन्दन से तरसा है ये बदन...! बहती है इसमें एक अगन ! ये शोखियाँ ये मस्तियाँ...! तुमको हवाओं से मिली ! जुल्फ़ें घटाओं से मिली ! होठों में कलियाँ खिल गयीं... आखों को झीलें मिल गयीं ! चेहरे में सिमटी चाँदनी... आवाज में है रागिनी ! शीशे के जैसा अंग है... फ़ूलों के जैसा रंग है ! नदियों के जैसी चाल है... क्या हुस्न है.. क्या हाल है !!! ये जिस्म की रंगीनियाँ... जैसे हजारों तितलियाँ ! बाहों की ये गोलाईयाँ... आँचल में ये परछाईयाँ !!! ये नगरियाँ हैं ख्वाब की... कैसे बताऊँ मैं तुम्हें.. हालत दिल – ऎ – बेताब की !!! कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….मेरे लिये तुम कौन हो !!! कैसे बताऊँ मैं तुम्हें…. मेरे लिये तुम धरम हो !!! तुम ही ईमान हो मेरा ! तुम ही अरमान हो मेरा ! तुम ही ईबादत हो मेरी... तुम ही तो चाहत हो मेरी ! तकता हूँ मैं हर पल जिसे... वही तो तस्वीर हो तुम.. तुम ही मेरी तकदीर हो... तुम ही सितारा हो मेरा…. तुम ही नजारा हो मेरा. यूँ ध्यान में मेरे हो तुम...! जैसे मुझे घेरे हो तुम. पूरब में तुम, पश्चिम में तुम...! उत्तर में तुम, दक्षिण में तुम !!! सारे मेरे जीवन में तुम... हर पल में तुम…हर क्षण में तुम !!! मेरे लिये रस्ता भी तुम…. मेरे लिये मंजिल भी तुम. मेरे लिये सागर भी तुम.. मेरे लिये साहिल भी तुम. मैं देखता बस तुमको हूँ…. मैं सोचता बस तुमको हूँ. मैं जानता बस तुमको हूँ… मैं मानता बस तुमको हूँ. तुम ही मेरी पहचान हो…!!! कैसे बताऊँ मैं तुम्हें…. देवी हो तुम मेरे लिये. मेरे लिये भगवान हो !!! कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….मेरे लिये तुम कौन हो !!! ©Vivek Shakywal

#WorldEmojiDay2021  कैसे बताऊँ मैं तुम्हें…. मेरे लिये तुम कौन हो……
तुम धड्कनॊं का गीत हो, जीवन का संगीत हो!
तुम जिन्दगी, तुम बन्दगी ! तुम रोशनी, तुम ताजगी!
तुम हर खुशी, तुम प्यार हो ! तुम प्रीत हो, मनमीत हो !
आँखों में तुम, यादों में तुम !
साँसों में तुम, आहों में तुम ! नींदों में तुम, ख्वाबों में तुम !
तुम हो मेरी हर बात में… तुम हो मेरे दिन रात में !
तुम सुबह में तुम शाम में ! तुम सोच में तुम काम में !
मेरे लिये पाना भी तुम ! मेरे लिये खोना भी तुम !
मेरे लिये हँसना भी तुम ! मेरे लिये रोना भी तुम ! 
और जागना सोना भी तुम !!!

जाऊँ कहीं देखूँ कहीं…! तुम हो वहाँ…तुम हो वहीं !
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें… तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं !!!
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….मेरे लिये तुम कौन हो !!!

ये जो तुम्हारा रूप है… ये जिन्दगी की धूप है !
चन्दन से तरसा है ये बदन...! बहती है इसमें एक अगन !
ये शोखियाँ ये मस्तियाँ...!
तुमको हवाओं से मिली ! जुल्फ़ें घटाओं से मिली !
होठों में कलियाँ खिल गयीं... आखों को झीलें मिल गयीं !
चेहरे में सिमटी चाँदनी... आवाज में है रागिनी !
शीशे के जैसा अंग है... फ़ूलों के जैसा रंग है !
नदियों के जैसी चाल है... क्या हुस्न है.. क्या हाल है !!!
ये जिस्म की रंगीनियाँ... जैसे हजारों तितलियाँ !
बाहों की ये गोलाईयाँ... आँचल में ये परछाईयाँ !!!
ये नगरियाँ हैं ख्वाब की... कैसे बताऊँ मैं तुम्हें..
हालत दिल – ऎ – बेताब की !!!

कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….मेरे लिये तुम कौन हो !!!

कैसे बताऊँ मैं तुम्हें…. मेरे लिये तुम धरम हो !!!
तुम ही ईमान हो मेरा ! तुम ही अरमान हो मेरा !
तुम ही ईबादत हो मेरी... तुम ही तो चाहत हो मेरी !
तकता हूँ मैं हर पल जिसे...
वही तो तस्वीर हो तुम.. तुम ही मेरी तकदीर हो...
तुम ही सितारा हो मेरा…. तुम ही नजारा हो मेरा.
यूँ ध्यान में मेरे हो तुम...! जैसे मुझे घेरे हो तुम.
पूरब में तुम, पश्चिम में तुम...! उत्तर में तुम, दक्षिण में तुम !!!
सारे मेरे जीवन में तुम... हर पल में तुम…हर क्षण में तुम !!!
मेरे लिये रस्ता भी तुम….  मेरे लिये मंजिल भी तुम.
मेरे लिये सागर भी तुम.. मेरे लिये साहिल भी तुम.
मैं देखता बस तुमको हूँ…. मैं सोचता बस तुमको हूँ.
मैं जानता बस तुमको हूँ…  मैं मानता बस तुमको हूँ.
तुम ही मेरी पहचान हो…!!! कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….
देवी हो तुम मेरे लिये. मेरे लिये भगवान हो !!!
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….मेरे लिये तुम कौन हो !!!

©Vivek Shakywal
#LoveOnline

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सुनो न मेरी निशा हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ, तुम मेरे जिंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या... अपनी पहली ही मुलाकात में, हमारे लिए दो कप चाय बना कर ला पाओगी क्या, अगर कभी बरस पडूँ गुस्से में तुम पर तो तुम मुझे प्यार से समझाकर सीने से लगा पाओगी क्या, सुनो न मेरी निशा हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ, तुम मेरे जिंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या... तुम मेरे साथ वाली फोटो को, अपने दोस्तों को दिखा पाओगी क्या, वैसे तो मैं नहीं चाहता कि कोई जाने हमारे बारे में, लेकिन कोई पूछे मेरे बारे में तो, मुझे अपना हमसफ़र बता पाओगी क्या, अपने सभी दोस्तों से भी मुझे मिलवा पाओगी क्या, Oye पागल ये तेरे जीजा जी है उनसे ऐसा कह पाओगी क्या, यु तो अपने मम्मी पापा का लाडला हूँ मैं क्या तुम भी मुझे मेरे मम्मी पापा की तरह प्यार कर पाओगी क्या, सुनो न मेरी निशा हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ, तुम मेरे ज़िंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या... रातों को आवारा गर्दी करना पसंद नहीं मुझे, सुबह सुबह मेरे साथ मॉर्निंग वॉक पर चल पाओगी क्या, मैं कोई जॉब करती हुई जीवन साथी नहीं चाहता, बस इतना चाहता हूँ कि मैं जैसा हूँ मुझे वैसे ही मुझे अपना बना पाओगी क्या, वैसे तो मुझे किसी चीज़ की ख़्वाहिश नहीं, बस हमारी शादी पर, तुम सात फेरों के सात वचनों को निभा पाओगी क्या सुनो न मेरी निशा हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ, तुम मेरे जिंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या... ©Vivek Shakywal (Alfaaz By VivEk)

#my_love  सुनो न मेरी निशा
हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ,
तुम मेरे जिंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या...
अपनी पहली ही मुलाकात में,
हमारे लिए दो कप चाय बना कर ला पाओगी क्या,
अगर कभी बरस पडूँ गुस्से में तुम पर तो
तुम मुझे प्यार से समझाकर सीने से लगा पाओगी क्या,
सुनो न मेरी निशा
हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ,
तुम मेरे जिंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या...
तुम मेरे साथ वाली फोटो को,
अपने दोस्तों को दिखा पाओगी क्या,
वैसे तो मैं नहीं चाहता कि कोई जाने हमारे बारे में,
लेकिन कोई पूछे मेरे बारे में तो,
मुझे अपना हमसफ़र बता पाओगी क्या,
अपने सभी दोस्तों से भी मुझे मिलवा पाओगी क्या,
Oye पागल ये तेरे जीजा जी है
उनसे ऐसा कह पाओगी क्या,
यु तो अपने मम्मी पापा का लाडला हूँ मैं
क्या तुम भी मुझे मेरे मम्मी पापा की तरह 
प्यार कर पाओगी क्या,
सुनो न मेरी निशा
हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ,
तुम मेरे ज़िंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या...
रातों को आवारा गर्दी करना पसंद नहीं मुझे,
सुबह सुबह मेरे साथ मॉर्निंग वॉक पर 
चल पाओगी क्या,
मैं कोई जॉब करती हुई जीवन साथी नहीं चाहता,
बस इतना चाहता हूँ कि
मैं जैसा हूँ मुझे वैसे ही मुझे अपना बना पाओगी क्या,
वैसे तो मुझे किसी चीज़ की ख़्वाहिश नहीं,
बस हमारी शादी पर,
तुम सात फेरों के सात वचनों को निभा पाओगी क्या
सुनो न मेरी निशा
हाँ मैं तुम्हें पसन्द करता हूँ,
तुम मेरे जिंदगी के सफ़र में हमसफ़र बन पाओगी क्या...

©Vivek Shakywal (Alfaaz By VivEk)

सुनो ना मेरी निशा...।। #2021 #my_love Vivek gupta अंकित कुमार ✍️ รɱσҡεɾ☆ɾσɦαɳ SanDeepDing BELINDA INDA

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एक जीव है इसके अंदर भी इसे कैसे हम खा सकते हैं एक जीव का जीवन लेने से कभी जन्नत ना पा सकते हैं इन राहो पे चलने वाला वो मुसलमान इरफान था एक इंसानियत का चोला पहले वो सच्चा इंसान था भावपूर्ण श्रधांजलि💐🙏

#अनुभव #alfaaz_by_vivek #hindipoetry #irrfankhan #lovequotes  एक जीव है इसके अंदर भी 
इसे कैसे हम खा सकते हैं

एक जीव का जीवन लेने से 
कभी जन्नत ना पा सकते हैं 

इन राहो पे चलने वाला 
वो मुसलमान इरफान था

एक इंसानियत का चोला पहले 
वो सच्चा इंसान था 
                     
 भावपूर्ण श्रधांजलि💐🙏
#Rhtdm

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