मैंने पूछा उससे
बादलों से दोस्ती की है या सीधा इन्द्र जी को रिश्वत दे आये हो,
अब बता भी दो ना, कैसे तुम मेरे कहने पर बारिश ले आये हो?
तो उसने कहा
ना तो दोस्ती की है बादलों से और ना ही इंद्र जी को रिश्वत दी है
मैंने तो बस उस खुदा से, मेरे खुदा की ख्वाहिश को पूरा करने की दुआ की है
कहती है आज मनमर्ज़ीयां मेरी
सुना लेने दो सारी अर्ज़ियां मेरी
डराती है मुझको हिचकियाँ मेरी
भूल जाने दो मुझको गलतीयांं मेरी
हंसाती है सबको नादानीयां मेरी
छुपी रहने दो फिर समझदारीयां मेरी
गिराती है अगर मुझको कमज़ोरियां मेरी
संभाल तो लेने दो मुझको ज़िम्मेदारीयां मेरी
मुस्कुराती है अक्सर कहानियाँ मेरी
ढूंढों नहीं छुपी बर्बादीयां मेरी
गुनगुनाती - सी है खामोशियाँ मेरी
मुझसे छीनों नहीं आज़ादीयां मेरी
इस दर्द- ए -दिल की इन्तहा हो गई
मोहब्बत जो उनसे बेइंतहा हो गई
मेरी एक तरफा मोहब्बत एक राज़ बन गई
उनकी दास्तां-ए- इश्क़ की जो मैं राज़दार हो गई
उनकी मोहब्बत मेरे सामने बेपर्दा क्या हो गई
मेरी मोहब्बत उनकी मोहब्बत के आगे पर्दानशी हो गई
एक पल के लिए मेरी धड़कनें रूक- सी गई
जब जाना उनकी धड़कनें किसी ओर से जुड़-सी गई
पर उनके अंदाज-ए-मोहब्बत पर मैं फिर फ़िदा हो गई
उनकी खुशी में खुश हो मैं उनकी ज़िंदगी से अलविदा हो गई
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