Mahesh Kopa

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White नियत ठीक हो तो, नियति भी हमे फूलने का अवसर देती है। ©Mahesh Kopa

#विचार #sad_quotes  White नियत ठीक हो तो,
नियति भी हमे फूलने का अवसर देती है।

©Mahesh Kopa

#sad_quotes

14 Love

White उपवास कर के भी कोई बदलाव नहीं लाये अपने में, तो अपने आराध्य का उपवास उड़ाना ही कहलायेगा। ©Mahesh Kopa

#विचार #sad_quotes  White उपवास कर के भी कोई बदलाव नहीं लाये अपने में,
तो अपने आराध्य का उपवास उड़ाना ही कहलायेगा।

©Mahesh Kopa

#sad_quotes

16 Love

हे दन्तेश्वरी माई हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। आयेंगे पैदल द्वारे तेरे, हम भक्तों की कामना पूर्ण करो। निर्धनता दूर करो, प्रसन्नता परिपूर्ण करो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। पग में अपने स्थान हमे दो, क्लेश ना आये जीवन मे, ऐसा वरदान हमे दो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। दुर्गा-काली माता तुम हो, अम्बे-जगदम्बे माता तुम हो। आशीष से अपने करते, भव का श्रृंगार तुम हो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो। उपासना कर सब दुःख मिटते, नाम तेरा जप सब सुख पाते। ऐसी करुणा कारी हो, सृष्ठि की रक्षाकारी हो। हे दन्तेश्वरी माई, धरा का कल्याण करो।। ©Mahesh Kopa

#कविता #navratri  हे दन्तेश्वरी माई 

हे दन्तेश्वरी माई,
धरा का कल्याण करो।
आयेंगे पैदल द्वारे तेरे,
हम भक्तों की कामना पूर्ण करो।
निर्धनता दूर करो,
प्रसन्नता परिपूर्ण करो।
हे दन्तेश्वरी माई,
धरा का कल्याण करो।
पग में अपने स्थान हमे दो,
क्लेश ना आये जीवन मे,
ऐसा वरदान हमे दो।
हे दन्तेश्वरी माई,
धरा का कल्याण करो।
दुर्गा-काली माता तुम हो,
अम्बे-जगदम्बे माता तुम हो।
आशीष से अपने करते,
भव का श्रृंगार तुम हो।
हे दन्तेश्वरी माई,
धरा का कल्याण करो।
उपासना कर सब दुःख मिटते,
नाम तेरा जप सब सुख पाते।
ऐसी करुणा कारी हो,
सृष्ठि की रक्षाकारी हो।
हे दन्तेश्वरी माई,
धरा का कल्याण करो।।

©Mahesh Kopa

#navratri

12 Love

White निर्धनता नंगे पाँव में घाव दे रही है, नभ ना तरस खा रही, ना भाव दे रही है। ©Mahesh Kopa

#कविता #sad_quotes  White निर्धनता नंगे पाँव में घाव दे रही है,
नभ ना तरस खा रही, ना भाव दे रही है।

©Mahesh Kopa

#sad_quotes

11 Love

White शिक्षा से संस्कार तो है उसे प्राप्त कर संस्कारहीनता क्यों है? ©Mahesh Kopa

#विचार #teachers_day  White शिक्षा से संस्कार तो है
उसे प्राप्त कर संस्कारहीनता क्यों है?

©Mahesh Kopa

#teachers_day

12 Love

White कौन जिम्मेदार है? स्तब्ध हैं, निःशब्द हैं। मुझसे, सब क्रुद्ध हैं। असमर्थ या मौन है, प्रभुत्व ही विलीन है। संशय की बाढ़ है, सब बाढ़ में संलिप्त हैं। मेरे स्वप्न सशक्त थे, लक्ष्य विभक्त थे। जुर्म से अनजान थी, कर्तव्यपथ पे मग्न थी। वे क्रूर हैं, मानुष के वंश पे कलंक हैं। कहाँ सम्मान है, केवल अपमान है। सर से नाखून तक, हवस के निशान हैं। स्त्री एकांत में, अब भोग की सामान है? कहते हैं नारी इस राष्ट्र की सम्मान है। कबतक सहन, इस राष्ट्र का अपमान है। कौन जिम्मेदार है? कौन गुनहगार है? ©Mahesh Kopa

#कविता #GoodMorning  White कौन जिम्मेदार है?

स्तब्ध हैं,
निःशब्द हैं।
मुझसे,
सब क्रुद्ध हैं।

असमर्थ या मौन है,
प्रभुत्व ही विलीन है।

संशय की बाढ़ है,
सब बाढ़ में संलिप्त हैं।

मेरे स्वप्न सशक्त थे,
लक्ष्य विभक्त थे।

जुर्म से अनजान थी,
कर्तव्यपथ पे मग्न थी।

वे क्रूर हैं,
मानुष के वंश पे कलंक हैं।

कहाँ सम्मान है,
केवल अपमान है।
सर से नाखून तक,
हवस के निशान हैं।

स्त्री एकांत में,
अब भोग की सामान है?
कहते हैं नारी 
इस राष्ट्र की सम्मान है।
कबतक सहन,
इस राष्ट्र का अपमान है।

कौन जिम्मेदार है?
कौन गुनहगार है?

©Mahesh Kopa

#GoodMorning

16 Love

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