अक्सर इक सवाल सा बना रहता है
ए दिल तू आखिर किसके इंतेज़ार में खोया रहता है .
जो था ही नहीं कभी तेरा वो चला गया,
फिर क्यों तू हर वक्त उसके तलाश में रोया करता है.
ऐ दिल तू आखिर क्यों खोया रहता है..
ये दुनिया के एक बेज़ार से रंगों का मेला है
जिसमे पहचान तब तक ही आसाँ है ,
जब तक वो रंग अकेला है .
फिर क्यों मिल जाने को दूसरों के साथ तू बेचैन रहता है
ऐ दिल तू आखिर क्यों खोया रहता है।
©thedarkshadow
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