Hridesh Kumar Sutrakar

Hridesh Kumar Sutrakar Lives in Niwari, Madhya Pradesh, India

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घर मे बल्व जलाने जितना आसान नही होता खुदके साथ दूसरो जिंदगी मे भी उजाला करना। समय और संघर्ष लगता है सफलता और लोकप्रियता निश्चय,मेहनत और निरंतर प्रयास से मिलती है। ©Hridesh Kumar Sutrakar

#विचार #Light  घर मे बल्व जलाने जितना आसान नही होता
 खुदके साथ दूसरो जिंदगी मे भी उजाला करना।

समय और संघर्ष लगता है

सफलता और लोकप्रियता
निश्चय,मेहनत और निरंतर प्रयास से मिलती है।

©Hridesh Kumar Sutrakar

#Light

8 Love

देश के ढे़र सारे शहरो के बीच से एक नया शहर तैयार हो रहा है , जहां लोग अपने व्यापार कि रफ्तार बच्चे आने वाले कॉलेज और स्कूलो का इंतजाम,कोचिंग, नई नई इमारते बनने कि खुशी मे मजदूर और अच्छी फसल के लिए मिलने वाले यंत्रो और उच्च गुणवत्ता के बीच उपलव्धता के सपने। इसका जन्म अभी हुआ ही है.. करीब दो साल का बच्चा ही तो है पहले कसबा हुआ करता था। शहरो की भीड़ और उनके असामाजिक तत्वो का एक तिनका भी हमारे शहर मे प्रवेश नही कर पाया, शुरू से ही यहां सब धर्म जात के साथ उत्सव मनाते आए है। डर,भय का माहौल कहीं भी रहे पर यहा चैन और शुकुन है.. और इसकी तुलना नही कर सकता कोई। खुशकिस्मत हूं कि ये मेरी जन्म भूमि और कर्म भूमि है। काम करने का सौभाग्य मिला है और करता रहूंगा। सलाम है इस जमींन को। उत्साह से कहें "आप निवाडी मे है" ©Hridesh Kumar Sutrakar

#gaon  देश के ढे़र सारे शहरो के बीच से एक नया शहर तैयार हो रहा है ,
जहां लोग अपने व्यापार कि रफ्तार बच्चे आने वाले 
कॉलेज और स्कूलो का इंतजाम,कोचिंग,
नई नई इमारते बनने कि खुशी मे मजदूर 
और अच्छी फसल के लिए मिलने वाले यंत्रो 
और उच्च गुणवत्ता के बीच उपलव्धता के सपने।

इसका जन्म अभी हुआ ही है..
करीब दो साल का बच्चा ही तो है 
पहले कसबा हुआ करता था।
शहरो की भीड़ और उनके असामाजिक तत्वो का 
एक तिनका भी हमारे शहर मे प्रवेश नही कर पाया,
शुरू से ही यहां सब धर्म जात के साथ उत्सव मनाते आए है।

डर,भय का माहौल कहीं भी रहे पर 
यहा चैन और शुकुन है..
और इसकी तुलना नही कर सकता कोई।

खुशकिस्मत हूं कि ये मेरी जन्म भूमि और कर्म भूमि है।
काम करने का सौभाग्य मिला है और करता रहूंगा।

सलाम है इस जमींन को।

उत्साह से कहें 

"आप निवाडी मे है"

©Hridesh Kumar Sutrakar

#gaon

10 Love

आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती, तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती ©Hridesh Kumar Sutrakar

#FathersDay  आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती

©Hridesh Kumar Sutrakar

#FathersDay

10 Love

लोग मुझपर हंसते है क्योकि मै सबसे अलग हूं । और मै लोगो पर हंसता हूं, क्योकि सब एक जैसे है ।। ©Hridesh Kumar Sutrakar

#OneSeason  लोग मुझपर हंसते है 
क्योकि मै सबसे अलग हूं ।

और मै लोगो पर हंसता हूं,
क्योकि सब एक जैसे है ।।

©Hridesh Kumar Sutrakar

#OneSeason

8 Love

कहने को तो इश्क दर्द देता है, पर आप कहने मे मत आओ करके देखो ऐ जादू है.... ऐसा जहां इश्क और दर्द दोनो एहसास साथ मिलेंगे। ©Hridesh Kumar Sutrakar

#ज़िन्दगी #OneSeason  कहने को तो 
इश्क दर्द देता है,
पर
आप कहने मे मत आओ
करके देखो
ऐ जादू है.... ऐसा जहां
इश्क और दर्द दोनो एहसास साथ मिलेंगे।

©Hridesh Kumar Sutrakar

#OneSeason

8 Love

आपके किसी भी कदम पर आपके अपनो को किसी भी प्रकार के स्पष्ठीकरण कि आवश्यकता नही है उन्हे फर्क नही पडता । और जो आपके अपने नही है उन्हे आप कितने भी स्पष्ठीकरण देते रहे उन्हे फर्क नही पडता । इसीलिए अपनो को मना कर सजा कर अपने पास रखिए क्योकि अगर ये नही होंगे तो कुछ भी स्पष्ठ दिखाई भी नही पडता ।। ©Hridesh Kumar Sutrakar

#Corona_Lockdown_Rush #विचार  आपके किसी भी कदम पर आपके अपनो को 
किसी भी प्रकार के स्पष्ठीकरण कि आवश्यकता नही है 
उन्हे फर्क नही पडता ।
और जो आपके अपने नही है 
उन्हे आप कितने भी स्पष्ठीकरण देते रहे
 उन्हे फर्क नही पडता ।
इसीलिए 
अपनो को मना कर सजा कर अपने पास रखिए 
क्योकि अगर ये नही होंगे तो 
कुछ भी स्पष्ठ दिखाई भी नही पडता ।।

©Hridesh Kumar Sutrakar
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