*कोशिश करो की कोई* *हम से न रूठे !* *जिन्दगी में अपनों का* *साथ न छूटे !* *रिश्ते कोई भी हो उसे* *ऐसे निभाओ !* *कि उस रिश्ते की डोर ज़िन्दगी भर न छूटे*
501 Love
*कोयल अपनी भाषा बोलती है*,_ *इसलिये आज़ाद रहती हैं*._ *किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है* *इसलिए पिंजरे में जीवन भर*_ *गुलाम* *रहता है*._ *अपनी भाषा,*_ *अपने विचार* *और*_ *'अपने आप'* *पर विश्वास करें..!*
428 Love
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