#क्यू_सर्च_आखिरकार
मैं सो रहा था और मुझे बहुत सजाया जा रहा था।
मैं बहुत प्यार से नहाया जा रहा था 'मुझे नहीं पता था कि मैं अपने घर में अपने कंधों पर किस तरह का अजीब खेल उठा रहा था।'
फिर भी, मुझे हर किसी के दिल से भुलाया जा रहा था, जिन्हें कभी प्यार की नज़रों से भी नहीं देखा गया था,
यहाँ तक कि उनके दिल में भी मेरे प्रति प्यार लुटा जा रहा था।
न जाने क्यों हर किसी ने मुझे सोते हुए देखा।
जोर - जोर से रोने से मैं जाग गया था।
वह कांप उठा, मेरी आत्मा, उस आदमी को देखकर। जहां मुझे हमेशा के लिए बुलाया जा रहा था।
मोहब्बत वे - जिन में मैं उन दिलों के हाथों जल गया।
.....बिपुल दुबे चुलबुल
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