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अजीब सी आदत और ग़ज़ब की फ़ितरत है, नफ़रत हो या मोहब्बत बड़ी शिद्दत से करता हूं।
दिन के कोरे कागज़ पर सूरज ने किये दस्तखत, और धूप से बोला- लिख दी तेरे नाम वसीयत ; हँसकर बोली धूप- "मुझे तो सब कुछ है मंज़ूर, लेकिंन मुझे नही इजाजत-उन वरसात के बादल~और सर्दियों के इस कोहरे की,, ©Harshit~Gangwar
Harshit~Gangwar
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शोक हम अपनी तबाही का मनाने लग जाए, इतने टूटे भी नहीं है कि ठिकाने लग जाए! ©Harshit~Gangwar
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प्रीत ना करिए पंछी जैसी जल सूखे तो उड़ जाए,, प्रीत तो करिए मछली जैसी जल सूखे वो मर जाए!!!! ©Harshit~Gangwar
वर्तमान मनुष्य भ्रम में है, चेहरे की सुंदरता से, प्रेम को परिभाषित करता है...!!! ©Harshit~Gangwar
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कांटो के कुछ निशान भी थे उसके पैरों में, पर लोग सिर्फ उसके हाथों की लकीरें देखते रहे। ©Harshit~Gangwar
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ठुकरा दो,,, अगर दे कोई जिल्लत से भरा समंदर जो इज्जत से मिले,,, वो कतरा ही काफी है....!! @be~parbaah~Ahsaas ©Harshit~Gangwar
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