गूंगों की बस्ती में फिर से शोर है।
जी हां! इस बार फिर चुनावी दौर है।।
चुनाव पूर्व, हमारा प्रतिनिधि सब प्रतिनिधियों में “सिरमौर ” है।
चुनाव उपरांत विजेता, पूर्व प्रतिनिधियों की भांति चोर है।।
गूंगों की बस्ती में फिर से शोर है।
जी हां! इस बार फिर चुनावी दौर है।।
"हम आपके अपने है”, “आपकी हर बात पर गौर है।"
“गोल मटोल बातें नहीं आती हमें”,“गोलियां देने वाले और है।।"
गूंगों की बस्ती में फिर से शोर है।
जी हां! इस बार फिर चुनावी दौर है।।
चेले चपाटों की ज़ुबां पर “ once more once more ” है।
“वक्त रहते जाग जाना, पांच वर्षों बाद हुई भोर है।”
गूंगों की बस्ती में फिर से शोर है।
जी हां! इस बार फिर चुनावी दौर है।।
©Sanjay Kumar
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