Pushpendra Saini

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Dear Corona Warriors नित बांटे नई खुशियां, बड़े प्यार से जिए। अपना हर एक दिन त्यौहार सा जिए।। कोरोना से बचने का है बस एक ही रस्ता। वैक्सीन को लगवाले औ आराम से जिए।। @Pushpendra Saini .. ©Pushpendra Saini

#IndiaFightsCorona #CoronaVaccine  Dear Corona Warriors  नित बांटे नई खुशियां, बड़े प्यार से जिए।
अपना हर एक दिन त्यौहार सा जिए।।
कोरोना से बचने का है बस एक ही रस्ता।
वैक्सीन को लगवाले औ आराम से जिए।।

                   @Pushpendra Saini












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©Pushpendra Saini
#कविता #nationalanthem #corona

एक निवेदन मोहन से🙏🙏 #corona #nationalanthem

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*ऐसी कृपा करो नन्दलाल* *ये जीवन चन्दन हो जाए* . ©Pushpendra Saini

 *ऐसी कृपा करो नन्दलाल*
*ये जीवन चन्दन हो जाए*






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©Pushpendra Saini

जय श्री कृष्ण

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आज पूरे दिन वो मुझे याद करेगा मेरे लिए व्रत उपवास करेगा चाँद भी शर्म खायेगा उन्हें देखकर जब इक चाँद दूजे चाँद का दीदार करेगा ✍🏻@tharv

#Karwachauth  आज पूरे दिन वो मुझे याद करेगा
मेरे लिए व्रत उपवास करेगा
चाँद भी शर्म खायेगा उन्हें देखकर
जब इक चाँद दूजे चाँद का दीदार करेगा
                                 ✍🏻@tharv

Happy Karva chauth 😍😍 #Karwachauth

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Alone याद आ रहा 10th Class अब जिसमें हम पहली बार मिले थे। तुमने पढ़ा था Active Passive मैंने तेरे नैन पढ़े थे। तुम्हे प्रिये क्या याद प्रार्थना, दोनों मिलकर जब गाते थे गाते गाते हम दोनों सात समुंदर पार तलक हो आते थे तेरी अदाओं पे न जाने हमने कितने गीत गढे थे तुमने पढा तुलसी कबीर को, मैंने तेरे नैन पढ़े थे तेरी प्यारी प्यारी सूरत दिल मे उतर गई थी तू मेरे दिल मे नाभिक के इलेक्ट्रानों सी बिखर गई थी ग्लूकोज सी मीठी बोली मन को अधीर करती थी, तेरे नैनो से न जाने हमने कितने Alcohal के पैक पिए थे तुमने पढा था कूलाम किरचाफ, मैंने तेरे नैन पढ़े थे हुआ 10th Complete और हम दोनो ने College बदले थे तुमने चुना था Math प्रिये और हम Biology में उलझे थे तुझसे बिछड़ कर मानो मैंने कड़वे बेंजल्डिहाइड के घूट पिए थे तुमने पढ़ा था अल्फा बीटा, मैंने तेरे नैन पढ़े थे। मत पूछो तुम दशा हमारी हर लड़की में तुम दिखती थी सिवा तुम्हारे कोई Pic चेहरे के आगे न टिकती थी भूल गया था सुध बुध मैं तो मुझपे ऐसे रंग-ए-इश्क़ चढ़े थे तुमने पढा बहुत कुछ प्रियवर, मैंने केवल नैन पढ़े थे। ✍🏻..@tharv

#alone  Alone  याद आ रहा 10th Class अब जिसमें हम पहली बार मिले थे।
तुमने पढ़ा था Active Passive मैंने तेरे नैन पढ़े थे।

तुम्हे प्रिये क्या याद प्रार्थना, दोनों मिलकर जब गाते थे
गाते गाते हम दोनों सात समुंदर पार तलक हो आते थे
तेरी अदाओं पे न जाने हमने कितने गीत गढे थे

तुमने पढा तुलसी कबीर को, मैंने तेरे नैन पढ़े थे

तेरी प्यारी प्यारी सूरत दिल मे उतर गई थी
तू मेरे दिल मे नाभिक के इलेक्ट्रानों सी बिखर गई थी
ग्लूकोज सी मीठी बोली मन को अधीर करती थी,
तेरे नैनो से न जाने हमने कितने Alcohal के पैक पिए थे

तुमने पढा था कूलाम किरचाफ, मैंने तेरे नैन पढ़े थे

हुआ 10th Complete और हम दोनो ने College बदले थे
तुमने चुना था Math प्रिये और हम Biology में उलझे थे
तुझसे बिछड़ कर मानो मैंने कड़वे बेंजल्डिहाइड के घूट पिए थे

तुमने पढ़ा था अल्फा बीटा, मैंने तेरे नैन पढ़े थे।

मत पूछो तुम दशा हमारी हर लड़की में तुम दिखती थी
सिवा तुम्हारे कोई Pic चेहरे के आगे न टिकती थी
भूल गया था सुध बुध मैं तो मुझपे ऐसे रंग-ए-इश्क़ चढ़े थे

तुमने पढा बहुत कुछ प्रियवर, मैंने केवल नैन पढ़े थे।

                                                 ✍🏻..@tharv

College के दिन #alone

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हे रघुनंदन! दशरथनन्दन! मैं वन्दन तेरा आज करूँ तुम चाहो तो दर दर भटकूँ मैं, तुम चाहो तो मैं राज करूँ नहीं चाहिए रघुवर मुझको, ये ऐसोआराम जगत के सब न किसी के आगे हाथ खुले, ऐसा आशीष मुझे दो अब हे जगतगुरु! हे जगदीश्वर! हे जगदात्मा! हे ईश! मेरे हे प्रभु! मेरे इतना देना न झुके कभी भी शीश मेरे मस्तक मेरा नित ऊचां हो, दिल मे भी शान्ती बनी रहे, दिल स्वच्छ प्रभु रखना मेरा चेहरे की कान्ति रहे न रहे। हे जगतजननि! हे जनकसुता! हे वैदेही! माता मेरी, सन्मुख तेरे करबद्ध खड़ा मैं करने को स्तुति तेरी। माता मेरी विनती इतनी, मन स्वच्छ सरल मेरा कर दो नित मुख से निकले प्रेम शब्द, ऐसी वाणी मेरी कर दो हे मारुतिसुत! अंजनिकुमार, हे महावीर! बलवीर प्रभु करता हूँ वन्दन मैं तेरा, चरणों से न करना दूर प्रभु अपने जैसी श्रद्धा भक्ति का, प्रभु मुझमें भी संचार करो यदि कोई दिखे अवगुण मुझमें तो उसका तुम संहार करो। तो उसका तुम संहार करो, तो उसका तुम संहार करो।। 📝...@tharv

#ramayan  हे रघुनंदन! दशरथनन्दन! मैं वन्दन तेरा आज करूँ
तुम चाहो तो दर दर भटकूँ मैं, तुम चाहो तो मैं राज करूँ
नहीं चाहिए रघुवर मुझको, ये ऐसोआराम जगत के सब
न किसी के आगे हाथ खुले, ऐसा आशीष मुझे दो अब

हे जगतगुरु! हे जगदीश्वर! हे जगदात्मा! हे ईश! मेरे
हे प्रभु! मेरे इतना देना न झुके कभी भी शीश मेरे
मस्तक मेरा नित ऊचां हो, दिल मे भी शान्ती बनी रहे,
दिल स्वच्छ प्रभु रखना मेरा चेहरे की कान्ति रहे न रहे।

हे जगतजननि! हे जनकसुता!  हे वैदेही! माता मेरी,
सन्मुख तेरे करबद्ध खड़ा मैं करने को स्तुति तेरी।
माता मेरी विनती इतनी, मन स्वच्छ सरल मेरा कर दो
नित मुख से निकले प्रेम शब्द, ऐसी वाणी मेरी कर दो

हे मारुतिसुत! अंजनिकुमार, हे महावीर! बलवीर प्रभु
करता हूँ वन्दन मैं तेरा, चरणों से न करना दूर प्रभु
अपने जैसी श्रद्धा भक्ति का, प्रभु मुझमें भी संचार करो
यदि कोई दिखे अवगुण मुझमें तो उसका तुम संहार करो।

तो उसका तुम संहार करो, तो उसका तुम संहार करो।।

                        📝...@tharv

Prayer 🙏🙏 #ramayan

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