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White तुम सोच रहे हो बस, बादल की उड़ानों तक मेरी तो निगाहें हैं, सूरज के ठिकानों तक टूटे हुए ख़्वाबों की इक लम्बी कहानी है शीशे की हवेली से, पत्थर के मकानों तक दिल आम नहीं करता, अहसास की ख़ुशबू को बेकार ही लाए हम चाहत को ज़ुबानों तक लोबान का सौंधापन, चंदन की महक में है मंदिर का तरन्नुम है, मस्जिद की अज़ानों तक इक ऐसी अदालत है, जो रूह परखती है महदूद नहीं रहती वो सिर्फ़ बयानों तक हर वक़्त फ़िजाओं में, महसूस करोगे तुम मैं प्यार की ख़ुशबू हूँ, महकूंगा ज़मानों तक ©दीपबोधि
दीपबोधि
12 Love
White हमारे चेहरे पे ग़म भी नहीं, ख़ुशी भी नहीं अंधेरा पूरा नहीं, पूरी रौशनी भी नहीं है दुश्मनों से कोई ख़ास दुश्मनी भी नहीं जो दोस्त अपने हैं उनसे कभी बनी भी नहीं मैं कैसे तोड़ दूँ दुनिया से सारे रिश्तों को अभी तो पूरी तरह उससे लौ लगी भी नहीं अजीब रुख़ से वो बातों को मोड़ देता है कि जैसे बात ग़लत भी नहीं, सही भी नहीं तुम्हारे पास हक़ीक़त में इक समुन्दर है हमारे ख़्वाब में छोटी-सी इक नदी भी नहीं कोई बताये ख़ुशी किसके साथ रहती है हमें तो एक ज़माने से वो दिखी भी नहीं लो फिर से आ गये बस्ती को फूँकने के लिये अभी तो पहले लगाई हुई बुझी भी नहीं अजीब बात है दीपावली के अवसर पर करोड़ों बच्चों के हाथों में फुलझड़ी भी नहीं ©दीपबोधि
16 Love
झिलमिलाते हुए दिन रात हमारे लेकर कौन आया है हथेली पे' सितारे लेकर हम उसे आँखों की देहरी नहीं चढ़ने देते नींद आती न अगर ख़्वाब तुम्हारे लेकर रात लाई है सितारों से सजी कंदीलें सरनिगूँ दिन है धनक वाले नज़ारे लेकर एक उम्मीद बड़ी दूर तलक जाती है तेरी आवाज़ के ख़ामोश इशारे लेकर रात, शबनम से भिगो देती है चेहरा-चेहरा दिन चला आता है आँखों में शरारे लेकर एक दिन उसने मुझे पाक़ नज़र से चूमा उम्र भर चलना पड़ा मुझको सहारे लेकर ©दीपबोधि
14 Love
White लब-ए-ख़मोश से अफ़्शा होगा राज़ हर रंग में रुसवा होगा दिल के सहरा में चली सर्द हवा अब्र गुलज़ार पे बरसा होगा तुम नहीं थे तो सर-ए-बाम-ए-ख़याल याद का कोई सितारा होगा किस तवक्क़ो पे किसी को देखें कोई तुम से भी हसीं क्या होगा ज़ीनत-ए-हल्क़ा-ए-आग़ोश बनो दूर बैठोगे तो चर्चा होगा ज़ुल्मत-ए-शब में भी शर्माते हो दर्द चमकेगा तो फिर क्या होगा जिस भी फ़नकार का शाहकार हो तुम उस ने सदियों तुम्हें सोचा होगा किस क़दर कब्र से चटकी है कली शाख़ से गुल कोई टूटा होगा उम्र भर रोए फ़क़त इस धुन में रात भीगी तो उजाला होगा सारी दुनिया हमें पहचानती है कोई हम सा भी न तनहा होगा ©दीपबोधि
11 Love
White दोस्ती की आज क़समें खा रहा संसार है मुफ़लिसी में साथ दे जो वो ही अपना यार है दुश्मनी फिर भी भली, ना दोस्ती नादान की जान पायेगा नहीं वो कब बना हथियार है तंगदिल से दोस्ती यारो कभी होती नहीं दोस्ती में दिल खुला हो प्रीति की दरकार है रूप अपना किसने देखा किसने जाना दोस्तो दोस्ती कर आईने से आइना तैयार है हम समझते थे वहाँ हैं यार यारों के हमीं अब यहाँ पर जान पाए वाक़ई क्या प्यार है ©दीपबोधि
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