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White दिन कुछ ऐसे गुजारता हैं कोई जैसे एहसान उतारता है कोई दिल में कुछ यूं संभालता हैं ग़म जैसे जेवर संभालता हैं कोई आईना देखकर तसल्ली हुई हम को इस घर में पहचानता हैं कोई दूर से गुंजते हैं सन्नाटे जैसे हम को पुकारता है कोई ©Deepbodhi
Deepbodhi
11 Love
16 Love
13 Love
White बदला ना अपने आपको जो थे वही रहे मिलते रहे सभी से मगर अज़नबी रहे दुनिया ना जीत पाओ तो हारो ना ख़ुद को तुम थोडी बहुत तो ज़हान में नाराज़गी रहे अपनी तरहा सभी को किसी की तलाश थी हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहे गुज़रो जो बाग़ से तो दुआ मांगते चलो जिसमें खिले है फूल वो डाली हरी रहे ©Deepbodhi
White कल चौदवी की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा हम भी वही मौजुद थे हम से भी सब पूछा किये हम हंस दिये, हम चुप रहे,मंजूर था पर्दा तेरा इस शहर में किससे मिले, हम से तो छूटी महफ़िले हर शख्स तेरा नाम ले,हर शख्स दिवाना तेरा कुचे को तेरे छोडकर जोगी ही बन जाये मगर ज़ंगल तेरे, परबत तेरे,बस्ती तेरी,चेहरा तेरा बेदर्द सुनी हो तो चल, कहता है क्या अच्छी गज़ल आशिक़ तेरा, रूसवा तेरा,शायर तेरा,इंशा तेरा ©Deepbodhi
14 Love
White दुनिया के हादसों से तुने मुझे बचा के बेमौत मार डाला एहसां जता जता के. तेरा चमकते सूरज एहसान मैं न लूंगा कर लूंगा मैं उजाला खुद अपना घर जला के. मैं टूट भी गया तो मुझमें चमक रहेगी आईना पत्थरों से कहता है मुस्कुरा के. तुझसे बिछड के आलम में हम जी नही सकेंगे देखो दगा ना देना अपना मुझे बना के. ©Deepbodhi
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